सोनिया भी नहीं कर पाईं विपक्षी कुनबे को गोलबंद, कई दलों के सुर बदले
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि वे प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा, सभी 16 पार्टियां इस प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं होंगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी पर विपक्ष को नए सिरे से एकजुट करने की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। सरकार के खिलाफ नोटबंदी पर विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की बुलाई गई बैठक में तीन अहम दल माकपा, एनसीपी और जदयू शामिल नहीं होगा। वहीं समाजवादी पार्टी और बसपा की ओर से भी अभी तक इसमें शामिल होने के कोई संकेत नहीं है।
जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी कांग्रेस की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गई हैं। समझा जाता है कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से पार्टी के रणनीतिकारों ने बैठक में आने से इनकार करने वाले दलों के नेताओं को सोमवार को राजी करने की भरसक कोशिश की। मगर संसद के शीत सत्र के आखिरी दिन राहुल गांधी की किसानों के मुद्दे पर अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात से बिफरे इन दलों ने फिलहाल मंगलवार की बैठक में नहीं शामिल होने का कांग्रेस नेतृत्व को दो टूक संदेश दे दिया।
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गौरतलब है कि नोटबंदी की दिक्कतों को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में 16 पार्टियां एकजुट हुई थी। मगर कांग्रेस के अकेले पीएम से मिलने से नाराज होने के चलते तब छह दलों ने राष्ट्रपति भवन मार्च में शामिल होने से इनकार कर दिया था। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कांग्रेस की ओर से नोटबंदी पर आगे की सियासी लड़ाई का रास्ता तय करने के लिए बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का अपना रुख साफ करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर सभी 16 पार्टियां मंगलवार की बैठक में नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सही रूपरेखा नहीं बनाई है गई है और कांग्रेस को समझना होगा कि ऐसी पहल के लिए पहले से चर्चा व तैयारी की जानी चाहिए। जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक का संयुक्त एजेंडा होना चाहिए। मगर इस बैठक के एजेंडा के बारे में पार्टी को नहीं मालूम। ऐसे में जदयू बैठक में हिस्सा नहीं लेगी।
एनसीपी के प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने भी कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में शरीक नहीं होगी। समाजवादी पार्टी और बसपा उत्तरप्रदेश के अपने-अपने चुनावी समीकरणों की वजह से कांग्रेस की छतरी के नीचे विपक्षी गोलबंदी का हिस्सा बनने को लेकर उहापोह में है। इन दोनों पार्टियों ने अभी तक कांग्रेस को इस बैठक में शामिल होने का संकेत नहीं दिया है। ऐसे में सपा और बसपा के भी बैठक में जाने की गुंजाइश नहीं है। विपक्षी खेमे के इन अहम दलों के किनारे करने की खबरों के बीच ममता बनर्जी ने दिल्ली पहुंच कर जरूर कांग्रेस हाईकमान को बैठक की साख बचाने को लेकर राहत दी।
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