पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की तालिबानी पंचायत के फैसले ने न सिर्फ एक युवती की इज्जत तार-तार की, बल्कि ग्रामीणों की दरिंदगी ने मानवीयता को भी दहला दिया। जहां अन्य जाति के युवक से प्रेम संबंधों के चलते लाभपुर ब्लॉक के एक गांव में सालिसी सभा के मुखिया बोलोई मुर्दी ने युवती के साथ दुष्कर्म का आदेश दिया था।
By Edited By: Updated: Fri, 24 Jan 2014 09:25 PM (IST)
कोलकाता [जागरण ब्यूरो]। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की तालिबानी पंचायत के फैसले ने न सिर्फ एक युवती की इज्जत तार-तार की, बल्कि ग्रामीणों की दरिंदगी ने मानवीयता को भी दहला दिया। जहां अन्य जाति के युवक से प्रेम संबंधों के चलते लाभपुर ब्लॉक के एक गांव में सालिसी सभा के मुखिया बोलोई मुर्दी ने युवती के साथ दुष्कर्म का आदेश दिया था। पंचायत का फरमान सुनते ही गांव के किशोर, जवान और बूढ़े युवती की अस्मत लूटने के लिए टूट पड़े। इतना ही नहीं घटना को पूरा गांव देखे इसके लिए बांस के मचान पर वारदात को अंजाम दिया गया।
पंचायत की दबंगई के चलते मंगलवार पूरी रात युवती के साथ क्रूरता चलती रही। लेकिन युवती की चीखों के बावजूद गांव के किसी व्यक्ति ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। मचान से महज 50 मीटर दूरी पर रहने वाला युवती का परिवार भी कान बंद किए बैठा रहा और पीड़िता के साथ 12 लोगों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता ने अपने बयान में भी कहा है कि 'उसे पता ही नहीं कि उसके अपने गांव के लोगों ने कितनी बार उससे दुष्कर्म किया। इसमें किशोरों से लेकर उसके पिता की उम्र से भी ज्यादा बूढ़े लोग शामिल थे।' गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि मुखिया बोलोई ने पहले 25 हजार का जुर्माना लगाया। असमर्थता जताने पर उसने फरमान सुनाया था कि अगर युवती के परिवार वाले जुर्माना नहीं दे सकते तो जाओ युवती के साथ मजे लो। युवती के परिजनों का आरोप है कि बोलोई व उसके गुर्गो ने घटना को अंजाम दिया। पंचायत के फैसले के साथ पूरे गांव के लोगों की सहमति थी। जबकि गांव वालों का कहना है कि वे कभी भी उस युवती और परिवार को वापस नहीं लौटने देंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में भी इसी जिले में एक किशोरी को अपने समुदाय से बाहर के युवक से संबंध रखने पर निर्वस्त्र कर चार गांवों में घुमाया गया था।
सरकार ने सालिसी सभा पर लगाई रोक कोलकाता। राज्य सरकार ने बीरभूम जिले की घटना को देखते हुए सालिसी सभा पर रोक लगा दी है। गृह सचिव बासुदेव बंद्योपाध्याय ने शुक्रवार को जिला अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सालिसी सभा पर रोक लगाने का निर्देश दिया। इस बीच बीरभूम में नए पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
उधर, पश्चिम बंगाल में पंचायत के आदेश पर आदिवासी युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर सुप्रीम कोर्ट बेहद गंभीर है। अन्य जाति के युवक से प्रेम संबंधों को लेकर युवती के साथ 12 लोगों के सामूहिक दुष्कर्म मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है। 31 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले बीरभूम के जिला जज को मौका मुआयना कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के लाभपुर ब्लॉक में मंगलवार को पंचायत प्रमुख के कथित आदेश पर 12 लोगों ने 20 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इससे पहले पंचायत ने युवक-युवती को साथ बैठे देखकर उन्हें पेड़ से बांधा और उनके परिजनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। युवक के परिजनों ने जुर्माना चुका दिया लेकिन युवती के परिजनों द्वारा जुर्माना राशि देने में असमर्थता जताने पर पंचायत ने उसके साथ दुष्कर्म के आदेश दिए।
बुधवार को खून से लथपथ युवती को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती करा लाभपुर थाने में मामला दर्ज कराया। सरकार के दबाव में दूसरे ही दिन पुलिस ने पंचायत प्रमुख व दुष्कर्मियों सहित सभी 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पढ़ें: पंचायत के फरमान पर युवती से हुआ गैंगरेप पढ़ें: बाप ने बेटी से किया दुष्कर्म उल्लेखनीय है पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के लाभपुर ब्लॉक में आदिवासी युवती को अन्य जाति के युवक से प्रेम संबंधों पर अमानवीय सजा दी गई थी। पंचायत प्रमुख के कथित आदेश पर युवती संग 13 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार रात हुई इस घटना के बाद सभी 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर बृहस्पतिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मामले में पुलिसिया लापरवाही पर मुख्यमंत्री ने जिले के एसपी सी सुधाकर को हटा दिया।
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