आतंकी धमाके पर पर्दा डाल रही पश्चिम बंगाल पुलिस
पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिला स्थित खागरागढ़ के एक मकान में दो अक्टूबर को हुए विस्फोट के तार अलकायदा से जुड़ने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को धमाके में शामिल लोगों के संबंध अलकायदा, सिमी व इंडियन मुजाहिद्दीन से होने की जानकारी मिली है। एजेंसियों का
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Sun, 05 Oct 2014 10:10 PM (IST)
कोलकाता, जागरण न्यूज नेटवर्क। पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिला स्थित खागरागढ़ के एक मकान में दो अक्टूबर को हुए विस्फोट के तार अलकायदा से जुड़ने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को धमाके में शामिल लोगों के संबंध अलकायदा, सिमी व इंडियन मुजाहिद्दीन से होने की जानकारी मिली है।
एजेंसियों का कहना है कि बंगाल पुलिस आतंक के इस गंभीर मसले पर भी परदा डालने में लगी है। पुलिस ने धमाके के बाद मकान से बरामद ग्रेनेड आदि नष्ट कर दिए थे, जबकि इसे जांच के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं मामले की सूचना भी केंद्रीय एजेंसियों को एक दिन बाद दी गई। गौरतलब है कि बम बनाते समय हुए धमाके में दो संदिग्ध मारे गए, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने बम बनाने का प्रशिक्षण मिलने की बात कही है। कमरे से मिले जवाहिरी के पर्चे खागरागढ़ के जिस मकान में धमाके हुए वहां से अलकायदा प्रमुख अयमान-अल-जवाहिरी व इंडियन मुजाहिदीन के अधजले पर्चे मिले हैं। इसमें अलकायदा के टेप व किताबें भी थीं। केंद्रीय एजेंसियां भी घटना में इंडियन मुजाहिदीन, सिमी, लशकर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-अल- इस्लामी की साजिश मान रही हैं। बर्द्धमान सहायक पुलिस अधीक्षक तरूण हलदर ने बताया कि संदिग्ध आतंकियों ने कुछ माह पहले ही किराये पर मकान लिया था। गिरफ्तार महिलाओं का संबंध सिमी व अलकायदा से हो सकता है।
पुलिस ने तत्काल नष्ट कर दिए सुबूत धमाके की तफ्तीश कर रही आइबी व राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बंगाल पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहले धमाके को एलपीजी सिलेंडर फटने की घटना बताई गई, जबकि जांच में बम धमाके की बात सामने आई। पुलिस को घटनास्थल से 55 आइईडी डिवाइस, ग्रेनेड, विस्फोटक, घड़ियां, नक्शे, सिम कार्ड आदि मिले थे। पुलिस ने जांच एजेंसियों के आने से पहले ही ग्रेनेड व विस्फोटक सामग्री दामोदर नदी के किनारे नष्ट कर दिया। जांच में पता चला कि सभी आइईडी पूरी तरह तैयार थे और जल्द इनका इस्तेमाल होने वाला था। जांच एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस पर सहयोग न देने का भी आरोप लगाया है।
धमाके में मारा गया एक संदिग्ध बांग्लादेशी जांच में पता चला है कि धमाके में मारे गए दो संदिग्धों में एक शकील अहमद बांग्लादेश का रहने वाला था। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के करीमपुर निवासी राजिरा बीबी उर्फ रूमी से शादी के बाद वह ससुराल आकर रहने लगा था। राजिरा ने पूछताछ में इसका खुलासा किया। सिमी नेता सफदर नगोरी का नाम भी सामने आ रहा है। नगोरी पांच वर्षों तक पश्चिम बंगाल में सक्रिय रहा है। धमाके में घायल हसन साहेब का इलाज चल रहा है। वह बीरभूम जिले के मोहम्मद बाजार इलाके का रहने वाला है। उसकी पत्नी मुर्शिदाबाद जिले के लालबाग की अमीना बीबी व राजिरा बीबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना में एक और संदिग्ध सोवन मंडल की भी मौत हो गई थी, जो पश्चिम मेदिनीपुर जिले का निवासी था। मकान मालिक से पूछताछ संदिग्धों ने कुछ माह पहले ही किराये पर मकान लिया था। धमाके के बाद मकान मालिक हाजी हसन चौधरी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हसन सिंचाई विभाग का सेवानिवृत्ता इंजीनियर है। उसने शकील गाजी को 4200 रुपये में मकान किराये पर दिया था। इसके अलावा हसन मोल्ला नामक एक और व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। स्थानीय निवासी शेख अनवर ने कहा कि ये लोग कपड़े का व्यवसाय करते थे। इनके घर में बुरका पहनकर हमेशा लोग आते-जाते थे, लेकिन किसी को भनक नहीं लगी। दोनों महिलाओं को नौ दिन की रिमांड गिरफ्तार अमीना बीबी व राजिरा बीबी को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया, जहां से नौ दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। सीआइडी सोमवार को डीजीपी को मामले की रिपोर्ट देगी, जिसे केंद्रीय गृह विभाग को सौंपा जाएगा। इसके बाद मामले की जांच एनआइए को सौंपी जा सकती है। 'राष्ट्र विरोधी व जेहादी गतिविधियों के लिए पश्चिम बंगाल सुरक्षित ठिकाना बन गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस ने सुबूत नष्ट कर दिए है।' -सिद्धार्थ नाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व बंगाल प्रभारी 'बम विस्फोट की घटना पर भाजपा और विरोधियों के बयान गैर जिम्मेदाराना हैं। इससे राज्य में अशांति फैलेगी।' -मुकुल राय, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पढ़ें: तृणमूल के विरोध में सड़क पर विपक्ष