'जम्मू-कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा, पाक को बोलने का अधिकार नहीं'
प्रस्तावित मैप बिल पूरी तरह से भारत का अपना आंतरिक विधायी मामला है। पाकिस्तान या किसी अन्य दल को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
नई दिल्ली (पीटीअाई)। भारत सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए जियोस्पेशल इन्फ़ॉर्मेशन रेगुलेशन बिल पर पाकिस्तान के एतराज पर भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस तरह का कानून बनाना भारत का आंतरिक मामला है। वैसे भी, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान या किसी भी अन्य देश को इस बारे में बोलने का कोई हक नहीं है। पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि पाकिस्तान बार-बार उन मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को घसीटने की कोशिश करता है जिसे द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जा सकता है।
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सनद रहे कि गृह मंत्रालय की तरफ से तैयार जिओस्पेशियल सूचना नियमन कानून को पिछले दिनों ही लोकसभा में पेश किया गया है। इसमें सरकार की तरफ से प्रस्ताव है कि अगर कोई देशी या विदेशी एजेंसी, संस्था या व्यक्ति भारत के नक्शे या भारत के किसी भोगौलिक हिस्से को गलत तरीके से पेश करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि गलती पाए जाने पर सात वर्ष तक की कैद या 100 करोड़ रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। भारत के इस प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का गूगल, फेसबुक समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों, चैनलों और समाचार माध्यमों को पालन करना होगा। अभी कई बार इस तरह की खबरें आती है कि ये समूह भारतीय नक्शे में जम्मू-कश्मीर को नहीं दिखाते हैं। भारत ने इन खामियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है। पाकिस्तान इसी आधार पर संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा है।
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पाकिस्तान क्यों कर रहा है विरोध
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करके जम्मू- कश्मीर को भारत का हिस्सा बताता रहा है। अब भारत इस नए कानून के जरिये जम्मू-कश्मीर के हिस्से को विवादित हिस्सा बताने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन करने वालों पर दंड लगाने का प्रावधान कर रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से आग्रह करता है कि संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जम्मू-कश्मीर में एक स्वतंत्र और निरपेक्ष आत्मनिर्णय के अधिकार का सर्वेक्षण करवाया जाए।
कश्मीर नक्शा मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र पहुंचा पाक
हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार कश्मीर मुद्दे को हवा देने की कोशिश के बाद पाकिस्तान ने भारतीय संसद में पेश जिओस्पेशियल इंर्फोमेशन रेगुलेशन विधेयक को संयुक्त राष्ट्र में उठाया है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में पत्र लिख कर कहा है कि भारत का यह कानून जम्मू- कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्ताव के खिलाफ है और इसके जरिये भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून का विरोध किया है। लिहाजा भारत को इस बारे में आगाह किया जाना चाहिए।
जानिए, क्या है बिल जियोस्पेशल इन्फ़ॉर्मेशन रेगुलेशन बिल
भारत सरकार के जियोस्पेशल इन्फ़ॉर्मेशन रेगुलेशन बिल के मसौदे के मुताबिक यदि भारत के नक्शे को 'गलत तरीके से' दिखाया जाता है तो इसके लिए अधिकतम सात साल की सज़ा और 100 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।जियोस्पेशल इन्फ़ॉर्मेशन रेगुलेशन बिल' के मुताबिक़, किसी नक्शे में (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक़) जम्मू कश्मीर को विवादित क्षेत्र के रूप में दिखाने पर, भारत सरकार किसी व्यक्ति या संंगठन को जेल कर सकती है और जुर्माना लगा सकती है।
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इस विधेयक के मसौदे के मुताबिक भारत सरकार की अनुमति के बिना देश की हर तरह की जियोस्पेशल (उपग्रह से ली गई तस्वीरें) सूचनाओं, मानचित्र, अधूरे आंकड़ों या किसी भी तरह से लिए गए फ़ोटो, सैटेलाइट फ़ोटोग्राफ़ी छापी या दिखाई नहीं जा सकेगी। इस विधेयक को भारत में जियोस्पेशल सूचनाओं को तैयार करने और उसके वितरण को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है।
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