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जानें, एनएसजी पर चीन द्वारा पाक को सपोर्ट करनेे के पीछे का सच

एनएसजी के मुद्दे पर चीन ने भारत को समर्थन न देकर उसमें पाक के नाम का पेंच और फंसा दिया है। इसके पीछे चीन की सोची समझी रणनीति भी है। जानें

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 05:23 AM (IST)

नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। एनएसजी में शामिल होनेे को लेकर एक ओर जहां अमेरिका ने भारत का खुलकर समर्थन किया है और दूसरे देशों से भी भारत का समर्थन करने की अपील की है, वहीं चीन ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम उछालकर मामले को और पेचीदा बनाने का काम किया है। हालांकि वह यह भी भलिभांति जानता है कि पाकिस्तान के लिए एनएसजी की राह मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। इसके बाद भी उसने पाकिस्तान का नाम उछाला है।

इसके पीछे दरअसल चीन की कूटनीति काम कर रही है। हालांकि इस मुद्दे पर आज ताशकंद में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात भी की है। इसकेे पीछे कुछ खास वजहें हैं जिनके चलते चीन ने यह कदम उठाया है।

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पाक को दी झूठी खुशी

भारत को साधने और उसके बढ़ते कदमों को रोकने के लिए चीन ने पाकिस्तान का नाम लेकर अड़ंगा लगाया है। इसकी वजह से उसने जहां एक ओर पाकिस्तान को झूठी खुशी दी है वहीं इस मामले को एनएसजी की होने वाली बैठक में उठने से पहले ही इसको टालने का काम किया है। पाकिस्तान का नाम लेकर वह महज इस मामले को लंबित रखना चाहता है।

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मामले को लंबित रखना चाहता है चीन

चीन अच्छी तरह से जानता है कि पाकिस्तान ने इस संबंध में वर्ष 2016 से पहले कभी कोई कोशिश नहीं की है ओर न ही एक कदम आगे बढ़ाया। इसी वर्ष उसने एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। यह आवेदन अमेरिका के इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करने के बाद किया गया। वहीं दूसरी ओर भारत की अर्जी को एनएसजी की बैठक में विचार के लिए स्वीकार भी कर लिया है। आने वाली बैठकों में इस पर विचार-विमर्श भी किया जा सकता है। पाकिस्तान का नाम लेकर चीन की सोच सिर्फ इतनी ही है कि वह इस मामले को अधिक समय तक के लिए खींच सके।

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पीओके में बढ़ते चीन के पैर

भारत को साधने के लिए चीन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर वाले हिस्से में अपने पांव फैलाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत उसने पीओके से होकर जाने वाले कराकोरम हाइवे के निर्माण समेत कई जगहों पर निर्माणकार्य किया है। एक जानकारी के मुताबिक भारत का कश्मीर के 2,22,000 वर्ग किमी पर कब्जा है। वहीं दूसरी ओर करीब 42 हजार वर्गकिमी के हिस्से पर चीन ने कब्जा कर रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने 78000 वर्गकिमी पर अपना कब्जा जमा रखा है। चीन के लिए यह राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। लिहाजा वह अपने हिस्से वाले कश्मीर के साथ-साथ पीओके में भी पांव जमाने में लगा है।

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भारत की बढ़ती ताकत चीन के लिए परेशानी

भारत की बढती ताकत चीन के लिए किसी समस्या से कम नहींं हैै। चीन की लगातार नीचे जा रही अर्थव्यवस्था भी उसके लिए परेशानी का सबब बन रही है। इन दोनों को ही रोकने के लिए चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह की तरफ भी पांव फैलाए हैं। यहां से वह न सिर्फ भारत पर नजर रख सकता है बल्कि यह बंदरगाह कई तरह से उसके काम आ सकता है। यही वजह है कि उसने पााकिस्तान का नाम एनएसजी के लिए उछाला है। वह किसी सूूरत से पाकिस्तान से अलग नहीं हो सकता है, क्योंकि वह भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान का पूरा इस्तेमाल कर लेना चाहता है।

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