मोदी से हाथ मिलाने वाला काफिर क्यों : जफर सरेशवाला
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के चांसलर और गुजरात के नामी उद्योगपति जफर यूनुस सरेशवाला ने शुक्रवार को मोदी विरोधी ताकतों पर तबीयत से हमला बोला। सवाल पूछा, जब नरेंद्र मोदी से मुलायम, लालू और ममता मिल सकते हैं तो आजम खां या जफर सरेशवाला क्यों नहीं मिल सकते?
अलीगढ़ । मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के चांसलर और गुजरात के नामी उद्योगपति जफर यूनुस सरेशवाला ने शुक्रवार को मोदी विरोधी ताकतों पर तबीयत से हमला बोला। सवाल पूछा, जब नरेंद्र मोदी से मुलायम, लालू और ममता मिल सकते हैं तो आजम खां या जफर सरेशवाला क्यों नहीं मिल सकते? मोदी से हाथ मिलाने वाला मुसलमान क्या काफिर हो जाता है? कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि 65 साल से हम दूसरों को बंदूक चलाने के लिए अपना कंधा देते आए हैं। ऐसी बेवकूफ कौम कहीं नहीं देखी। सरेशवाला को यहां 'दख्तूर-ए-अदब' खिताब से नवाजा गया।
शुक्रवार को अलीगढ़ में जामिया उर्दू के स्थापना दिवस समारोह में सरेशवाला 'मुसलमानों की समस्याएं व हमारी जिम्मेदारियां' विषय पर जमकर बोले। कहा, मेरी नजर में मुसलमान, मुसलमान है ही नहीं। हो सकता है कि बात बुरी लगे और फतवा भी जारी हो जाए, मगर मुझे चिंता नहीं। अभिनेता सलमान के पिता सलीम खान के लेख का हवाला देते हुए कहा कि देश में 15 करोड़ मुसलमान हैं मगर माफ करना, मुझे तो एक भी नहीं मिला। असल में हमने कभी सोचा ही नहीं कि हम कैसे मुसलमान हैं। हम देश को देने आए थे। आज लेने वाले हो गए। देना छोड़ दिया तो भिखमंगे हो गए। आरक्षण से लेकर पता नहीं क्या-क्या मांग रहे हैं?