काले धन की जांच के लिए सरकार ने क्यों नहीं बनाई एसआइटी
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद एवं जाने माने अधिवक्ता राम जेठमलानी ने काले धन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दो साल भी अनुपालन न होने पर निराशा जताई है। जेठमलानी ने कहा, नागरिकों को विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों की अघोषित संपत्ति की जानकारी पाने का मौलिक अधिकार है। जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश का भी हवाला दिया जिसमें शीर्ष अ
By Edited By: Updated: Wed, 10 Jul 2013 08:28 PM (IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद एवं जाने माने अधिवक्ता राम जेठमलानी ने काले धन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दो साल भी अनुपालन न होने पर निराशा जताई है। जेठमलानी ने कहा, नागरिकों को विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों की अघोषित संपत्ति की जानकारी पाने का मौलिक अधिकार है।
जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश का भी हवाला दिया जिसमें शीर्ष अदालत ने कालाधन मामले में सरकारी जांच पर असंतोष जताते हुए इसके लिए सेवानिवृत्त जजों की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन करने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2011 में काले धन पर यह आदेश जारी किया था, इसमें जेठमलानी खुद याचिकाकर्ता थे। जेठमलानी ने दावा किया था कि कर चोरी के पनाहगाह देशों के लुटेरों द्वारा भारतीयों की 1500 अरब डॉलर की संपत्ति ले जाई गई है। जेठमलानी ने बुधवार को एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि आदेश के दो साल बाद भी सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसकी शिकायत करने वाला कोई वकील नहीं है। इसकी शिकायत कोई सांसद नहीं करता। राज्यसभा सांसद के मुताबिक उन्होंने जब यह मुद्दा संसद में उठाया तो भारी शोरशराबा हो गया और मिलजुल कर काम करने वाले राज्यसभा के सभापति ने सदन को स्थगित कर दिया और तब से इस पर बहस नहीं हुई है।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर