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शीतकालीन सत्र होगा हंगामेदार, सपा ने तरेरी आंखें

नई दिल्ली। दो दिन बाद शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र का हश्र भी पिछले दो सत्रों की तरह हो सकता है। एक तो इस बार संसद की बैठकों के दिन कम हैं। उस पर कई विवादित विधेयकों को लेकर विपक्ष ही नहीं, सरकार के समर्थक दलों ने भी आंखे तरेर दी हैं। सपा ने दो टूक कह दिया है कि एससी, एसटी को पदोन्नति में आरक्षण और महिला

By Edited By: Updated: Tue, 03 Dec 2013 09:43 AM (IST)
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नई दिल्ली। दो दिन बाद शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र का हश्र भी पिछले दो सत्रों की तरह हो सकता है। एक तो इस बार संसद की बैठकों के दिन कम हैं। उस पर कई विवादित विधेयकों को लेकर विपक्ष ही नहीं, सरकार के समर्थक दलों ने भी आंखे तरेर दी हैं। सपा ने दो टूक कह दिया है कि एससी, एसटी को पदोन्नति में आरक्षण और महिला आरक्षण विधेयक फिर से लाया गया तो वह संसद नहीं चलने देगी। 5 से 20 दिसंबर तक के सत्र की महज 12 बैठकों में संसद की कार्यवाही को सुचारू रखने के लिए संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई।

सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला मौजूद थे। इस दौरान राज्यसभा में सपा संसदीय दल के नेता प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा, सीमाओं की सुरक्षा, चीन और महंगाई पर चर्चा जरूरी है।

पार्टी संसद को चलाने में पूरा सहयोग करेगी, लेकिन महिला आरक्षण और सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में भी एससी, एसटी को आरक्षण जैसे विवादित विधेयकों को लाया गया तो सपा सदस्य संसद नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि एक तो समय कम है, उस पर सरकार विवादित विधेयकों को क्यों लाना चाहती है।

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लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज, लालकृष्ण आडवाणी, राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली व उपनेता रविशंकर प्रसाद ने बैठक में पार्टी का रुख साफ कर दिया। उन्होंने सरकार से पूछा कि सत्र के लिए 28-30 विधेयकों को सूचीबद्ध तो कर दिया, लेकिन अलग तेलंगाना का भी विधेयक आना चाहिए। गृह मंत्री ने उंन्हें भरोसा दिया कि सरकार उसे राष्ट्रपति के पास ले जाएगी। फिर विधेयक लाया जाएगा।

सुषमा स्वराज ने मुजफ्फरनगर दंगे पर चर्चा कराने पर जोर दिया। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने भी उनका समर्थन किया। सपा ने कहा कि वह इसके लिए तैयार है। सुषमा ने लोकपाल बिल, पटना बम धमाके व आंतरिक सुरक्षा पर भी चर्चा कराने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक मे बसपा के सतीशचंद्र मिश्र ने यह कहकर सरकार को घेरा कि जब विधेयकों के पारित होने के आसार ही नहीं हैं, तो सरकार उन्हें सूचीबद्ध क्यों करती है। माकपा के सीताराम येचुरी ने सांप्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक, लोकपाल और महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने पर जोर दिया।

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