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ऑपरेशन 'मैत्री' की देवदूत बनी भारतीय सेना

पड़ोसी देश नेपाल में पिछले दो दिन से लगातार आ रहे भूकंप को देखते हुए भारत ने यहां मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शनिवार को भूकंप आने के मात्र छह घंटे बाद ही नेपाल पहुंचकर भारतीय सेना ने राहत कार्य की मुहिम शुरू कर दी।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Sun, 26 Apr 2015 07:41 PM (IST)
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नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में पिछले दो दिन से लगातार आ रहे भूकंप को देखते हुए भारत ने यहां मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शनिवार को भूकंप आने के मात्र छह घंटे बाद ही नेपाल पहुंचकर भारतीय सेना ने राहत कार्य की मुहिम शुरू कर दी।

भारतीय वायु सेना के सी-130 जे और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे बड़े विमान ना सिर्फ बड़ी मात्रा में राहत सामग्री और बचाव व राहत दल के लोगों को पहुंचा रहे हैं, बल्कि वहां फंसे हिंदुस्तानियों को वापस लाने में भी जुटे हैं। इसी तरह नेपाल में मुस्तैद भारतीय दल घायलों को निकालने, अस्पताल पहुंचाने और प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर इस आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वे करने तक में नेपाल की लगातार मदद कर रहे हैं।

13 सैन्य व 3 नागरिक विमान राहत में जुटे :

विदेश मंत्रालय के सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि भूकंप से तबाह नेपाल में राहत कार्य के लिए 13 सैन्य विमान और तीन नागरिक विमान भेजे गए हैं। इनमें से पांच सैन्य विमान काठमांडु में उतरे हैं। दूरदराज के इलाकों तक सीधी मदद पहुंचाने और लोगों को बचाने के काम में कई तरह के हेलीकाप्टर भी लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से रविवार की सुबह रवाना किए गए वायु सेना के पांच एमआइ-17 हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर रवाना हुए हैं। इसके अलावा वायु सेना के दो ध्रुव हेलीकाप्टर भी इस काम में लगे हुए हैं। इन दलों ने रविवार शाम तक 21 उड़ानों में 171 लोगों को बचाया। जिन इलाकों में ये उतर नहीं पा रहे, वहां राहत सामग्री हेलीकाप्टर से ही गिराई जा रही है।

हेलीकाप्टरों से घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम :

साथ ही ये हेलीकाप्टर घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने में भी मदद कर रहे हैं। इस अभियान के दौरान नेपाली वायुसेना के पायलट भी मौजूद हैं जो भारतीय दल को स्थानीय परिस्थितियों को समझने में मदद कर रहे हैं। वायुसेना के ये विभिन्न दल रविवार सुबह से लगातार उड़ान भर रहे।

लेकिन दोपहर को फिर से तीव्र भूकंप आने के बाद शाम चार बजे तक के लिए हवाई राहत का कार्य रोक दिया गया। उसके बाद फिर राहत कार्य बहाल हुआ। नेपाल को अपने यहां हुए नुकसान का हवाई जायजा लेने में भी ये नेपाली सेना की सहायता कर रहे हैं। दोपहर आए भूकंप के बाद कुछ समय के लिए हवाई उड़ान स्थगित कर दी गई थीं। एवरेस्ट अभियान पर गए भारतीय सेना के पर्वतारोही दल के लोग भी राहत कार्य में मदद कर रहे हैं। एवरेस्ट के बेस कैंप से अब तक 22 शव निकाले जा चुके हैं।

1500 भारतीयों की सुरक्षित वापसी :

भारतीय सेना ने इस अभियान को 'आपरेशन मैत्री' नाम दे कर इसमें अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वायु सेना की उड़ानों में चिकित्सा दल, इंजीनियरिंग टास्क फोर्स, पानी, भोजन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ), मेडिकल उपकरण, कंबल और टेंट आदि वहां पहुंचाए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अनुसार रविवार शाम तक वायु सेना की विभिन्न उड़ाने वहां से 1500 भारतीयों को भारत पहुंचा चुकी हैं। शनिवार को वायुसेना के विमान से 545 भारतीयों को काठमांडु के हवाई अड्डे से नई दिल्ली लाया गया था।

शनिवार रात से ही भारतीयों को वापस ला रही वायुसेना :

सबसे पहले वायु सेना के विशेष विमान सी130 जे पर सवार हो कर 55 लोग शनिवार की रात राजधानी दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पहुंचे। फिर आधी रात के बाद पहुंचे सी17 ग्लोबमास्टर-3 में 101 लोग लाए गए। रविवार तड़के आइएल-76 से 152 लोग दिल्ली पहुंचे, जबकि उसी दौरान ग्लोब मास्टर की दूसरी उड़ान से 237 यात्री सुबह 4.37 पर पहुंचे। इसी तरह रविवार की शाम पौने पांच बजे ग्लोब मास्टर की एक और उड़ान 285 यात्रियों को लेकर पहुंची। सी-130जे सुपरहरक्यूलिस से दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर 55 यात्री लाए गए। आइएल-76 से 152 भारतीय लौटे।

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