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कमाल का APP, बटन दबाते ही 24 घंटे साथ रहेगी 'मुफ्त की नर्स'

महज तीन महीने पहले शुरू किए गए मोबाइल ऐप 'एम-तत्व' अब दवा की याद दिलाने से ले कर डाक्टर की पर्ची और जांच रिपोर्ट तक आसान भाषा में समझाएगा। इसी तरह आपके ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और डायबिटीज आदि का वर्षो का रिकार्ड भी रखेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2015 06:03 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर कोई समय से दवा की याद दिलाने से ले कर डाक्टर की पर्ची और जांच रिपोर्ट तक आसान भाषा में समझाए और संभाल कर रखने लगे! इसी तरह आपके ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और डायबिटीज आदि का वर्षो का रिकार्ड रखे और वह भी पूरी तरह मुफ्त तो कैसा रहे! ये सारे काम अब मोबाइल ऐप 'एम-तत्व' करेगा। महज तीन महीने पहले शुरू किए गए इस ऐप को अब तक 30 हजार लोग इस्तेमाल करने लगे हैं। इसे बनाने वाले अब इसे सार्वजनिक टीकाकरण और जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य के लिए चलने वाले सरकारी कार्यक्रम से भी जोड़ने की तैयारी में हैं।

'एम तत्व' के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बलजीत सिंह कहते हैं कि यह एक तरह से आपकी चौबीस घंटे की नर्स है जो स्वास्थ्य संबंधी आपकी सभी जरूरतों का खयाल रखती है। डाक्टर के पास से लौटते हुए पर्ची की फोटो खींच कर यहां डाल दीजिए। ऐप इसमें से खुद ही दवा संबंधी ब्योरे दर्ज कर लेगा। फिर हर बार दवा की खुराक का समय आते ही यह आपको याद दिलाएगा। एक ही ऐप में आप पूरे परिवार का ब्योरा दर्ज कर सकते हैं।

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सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य का पूरा रिकार्ड उपलब्ध हो तो इलाज ना सिर्फ आसान होता है, बल्कि सटीक भी होता है। मगर इतने सारे कागजों को वर्षो तक संभाल कर रखना बहुत मुश्किल होता है। फिर हर कागज से अलग-अलग ब्योरे निकाल कर देखना और उसका विश्लेषण करना भी आसान नहीं। मगर यह ऐप बीपी, पल्स रेट और डायबिटीज से ले कर सभी तरह की जांच की रिपोर्ट भी व्यवस्थित चार्ट के तौर पर पेश करता है। साथ ही आपके इलाके में किसी महामारी की आशंका के बारे में पूर्व चेतावनी देने के साथ ही उससे बचने के उपाय भी बताता है।

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आइआइटी दिल्ली से एमटेक करने के बाद आईटी और स्वास्थ्य के कई प्रोजेक्ट से जुड़े रहे बलजीत बताते हैं कि वे बेंगलूर में रहते हुए अब हरियाणा में रहने वाली अपनी मां की सेहत के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं। एक भी खुराक छूटने पर उन्हें इसकी जानकारी मिल जाती है। तीन महीने पहले आम लोगों के लिए लांच किए गए इस ऐप को अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐप का सबसे ज्यादा उपयोग दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़ और उत्तर भारत के टीयर टू शहरों में हो रहा है।

बलजीत कहते हैं कि लोक स्वास्थ्य के लिहाज से सबसे ज्यादा जरूरी है टीकाकरण की पहुंच बढ़ाना और जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त करना। मौजूदा सरकार ने इन दोनों ही पहलुओं पर गंभीरता से काम शुरू किया है। वे बताते हैं कि इस दिशा में प्रयोग के तौर पर उनकी कंपनी ने उत्तर प्रदेश और झारखंड में 20 अस्पतालों के साथ समझौता कर वहां आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा देनी शुरू की है। इसके तहत उन्हें सभी तरह की जांच और टीकाकरण से ले कर जन्म के समय और उसके तुरंत बाद बच्चों के लिहाज से जरूरी सावधानियों के बारे में नियमित संदेश भेजे जाते हैं।

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