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आसाराम ने पीड़ित को किया वश में!

मेरठ निवासी आसाराम के पूर्व साधक के अचानक सुर बदलने से शाहजहांपुर का पीड़ित परिवार हैरत में है। पीड़िता के पिता ने आशंका जताई कि संकट से बचने के लिए आसाराम के गुर्गो ने षड्यंत्र के तहत पीड़ित परिवार को साम-दाम-दंड और भेद नीति के तहत वश में कर लिया है। यही वजह है उसे गायब कर अपने प

By Edited By: Updated: Thu, 17 Oct 2013 06:16 AM (IST)
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शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। मेरठ निवासी आसाराम के पूर्व साधक के अचानक सुर बदलने से शाहजहांपुर का पीड़ित परिवार हैरत में है। पीड़िता के पिता ने आशंका जताई कि संकट से बचने के लिए आसाराम के गुर्गो ने षड्यंत्र के तहत पीड़ित परिवार को साम-दाम-दंड और भेद नीति के तहत वश में कर लिया है। यही वजह है उसे गायब कर अपने पक्ष में माहौल बनाने के बाद ही सामने लाया गया, नतीजतन वह आसाराम के सुर में बोलने लगा है।

पढ़ें: आसाराम के खिलाफ गवाही देने का दबाव डाल रही थी जोधपुर पुलिस

पीड़िता के पिता ने बताया कि मेरठ निवासी आसाराम के साधक की बेटी भी छिंदवाड़ा गुरुकुल में उनकी बेटी के साथ पढ़ती थी। हरिद्वार सत्संग के दौरान शिल्पी ने ही इस बच्ची को आसाराम के पास भेजा था। इसका खुलासा खुद मेरठ के साधक ने सितंबर में फोन पर किया था। यह भी बताया था कि आसाराम ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इसी वजह से उन्होंने बेटी का छिंदवाड़ा गुरुकुल से नाम कटाकर टीसी ले ली है। साधक ने आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराने के साथ ही गवाही के लिए भी मन बनाया था।

पीड़िता के पिता ने बताया कि कुछ दिन बाद ही मेरठ के साधक परिवार का फोन स्विच ऑफ हो गया और परिवार भी गायब हो गया। उन्होंने आशंका जताई कि मेरठ के पीड़ित परिवार पर आसाराम ने दबाव बनाकर उसे बयान से पलटने के लिए मजबूर कर दिया। अन्यथा जिस परिवार ने आसाराम को उनके गुनाहों की सजा दिलाने के लिए खुद फोन किया था और मुकदमा दर्ज कराने की बात की थी, वह एकाएक बदल कैसे गया।

उन्होंने बताया कि आसाराम ने साम-दाम-दंड-भेद नीति के तहत उन्हें भी तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन बेटी के मजबूत इरादों ने आसाराम के खिलाफ लड़ाई में बल प्रदान किया।

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