Move to Jagran APP

जज पर न्यायाधीश के यौन उत्पीड़न का आरोप

उच्च न्यायपालिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मध्य प्रदेश की एक महिला जज ने मप्र हाई कोर्ट के एक जज पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है और मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। आरोपी जज ने भी लोढ़ा को पत्र लिखकर आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि किसी भी स्तर पर जांच करा लें। अगर आरोप साबित हो जाएं तो वह फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं। इस्तीफा दे चुकीं पीड़ित महिला जज ग्वालियर की अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश होने के साथ ही जिले की विशाखा कमेटी की अध्यक्ष भी थीं। यह कमेटी कार्य स्थल पर यौन प्रताड़ना के मामलों की जांच करती है।

By Edited By: Updated: Tue, 05 Aug 2014 01:12 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च न्यायपालिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मध्य प्रदेश की एक महिला जज ने मप्र हाई कोर्ट के एक जज पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है और मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। आरोपी जज ने भी लोढ़ा को पत्र लिखकर आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि किसी भी स्तर पर जांच करा लें। अगर आरोप साबित हो जाएं तो वह फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं। इस्तीफा दे चुकीं पीड़ित महिला जज ग्वालियर की अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश होने के साथ ही जिले की विशाखा कमेटी की अध्यक्ष भी थीं। यह कमेटी कार्य स्थल पर यौन प्रताड़ना के मामलों की जांच करती है।

महिला जज के आरोप सामने आने के बाद सोमवार को पूर्व एडिशनल सॉलिसीटर जनरल इंद्रा जयसिंह ने आरोपी जज के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की। वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की जिसमें आरोपी जज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों ने भी आरोपी जज के खिलाफ कार्रवाई की मांग का प्रस्ताव पारित कर एक ज्ञापन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को सौंपा, ताकि वह उसे मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचा दे।

महिला जज का कहना है कि आरोपी जज का व्यवहार ठीक नहीं था। उसने अपनी इज्जत और गरिमा बनाए रखने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी जज उसमें जरूरत से ज्यादा रुचि लेने लगे थे। एक बार उन्होंने एसएमएस भेजकर अपनी शादी की सालगिरह पर अपने घर में आइटम सांग पर डांस करने के लिए भी बुलाया। गत फरवरी में एक शादी समारोह में आरोपी ने उसकी 16 वर्षीय बेटी के सामने कहा कि तुम्हारा काम बड़ा अच्छा है, लेकिन तुम उससे भी ज्यादा अच्छी हो। महिला जज का कहना है कि आरोपी की बात न मानने पर उसे प्रताड़ना झेलनी पड़ी और उसकी बेटी के पढ़ाई के बीच उसका स्थानांतरण दूरस्थ जिले सीधी कर दिया गया। इन सबसे परेशान होकर ही 15 जुलाई को उसने इस्तीफा दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि यौन उत्पीड़न की शिकायत सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को ईमेल के जरिये प्राप्त हो गई है। मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने मामले को अति गंभीर बताते हुए कहा कि उचित कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अभी यह मामला उनके सामने नहीं रखा गया है। वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

गौरतलब है कि महिला जज ने अपनी शिकायती चिट्ठी में कहा है उसने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात के लिए समय मांगा था, जो उसे नहीं मिला। आरोपी जज ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर अपनी सफाई पेश की है। हाल के समय में यह तीसरा मामला है जब उच्चतर न्यायपालिका के किसी जज पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज एके गांगुली और स्वतंत्र कुमार पर महिला इंटर्न यौन उत्पीड़न के आरोप लगा चुकी हैं। इसके चलते गांगुली को पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

नहीं पूरी की शैतानी मांग

नई दुनिया ब्यूरो, भोपाल। महिला जज ने अपनी शिकायती चिट्ठी में हाई कोर्ट के जज केइशारे पर तीन अन्य न्यायिक अफसरों द्वारा भी खुद को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है।

पत्र में उन्होंने लिखा है, 'इन तीनों की प्रताड़ना के बावजूद मैंने जज की शैतानी मांग पूरी नहीं की और पूर्ण समर्पण के साथ बिना प्रभावित हुए अपना काम करती रही।' महिला जज ने कहा कि जज ने उन्हें 21 जून की देर शाम अपने बंगले पर मिलने के लिए बुलाया था। इस दिन वह नहीं गई और अगले दिन सुबह पति के साथ वहां पहुंचीं तो वह बुरी तरह भड़क गए और मुझे 15 दिन बाद मिलने को कहा।

तीन अन्य न्यायिक अफसरों के साथ मिलकर मेरे बारे में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास गलत रिपोर्ट भेजी और मेरे तबादले में हाई कोर्ट की तबादला नीति का भी ख्याल नहीं रखा गया। मैं जब हाई कोर्ट जज से मिली और बेटी का कॅरिअर खराब हो जाने की बात कही तो जज ने कहा कि तुमने भी मेरी इच्छा पूरी नहीं की और एक बार भी बंगले पर अकेले नहीं आई।

ग्वालियर से जबलपुर तक हड़कंप:

महिला जज की शिकायती चिट्ठी का ब्यौरा सार्वजनिक होते ही हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से लेकर जबलपुर खंडपीठ तक हड़कंप मच गया। चीफ जस्टिस एएम खानविलकर ने सुबह ही आरोपों से घिरे जस्टिस से स्पष्टीकरण मांग लिया। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने जस्टिस से स्पष्टीकरण लेकर जबलपुर भेज दिया। आरोपी जस्टिस भी साढ़े तीन बजे घर के लिए निकल गए। इस सनसनीखेज मामले की चर्चा ग्वालियर जिला न्यायालय में भी रही।

पढ़ें: काटजू के आरोप को मनमोहन ने बताया निरर्थक

पढ़ें: सीवीसी की नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी बनाने की मांग पर केंद्र को नोटिस