Move to Jagran APP

शनि शिंगणापुर में महिलाओं को प्रवेश से रोका तो होगी सजा: बॉम्बे हाईकोर्ट

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर आप पुरूषों को मंदिर में प्रवेश की आज्ञा देते हैं तो महिलाओं को क्यों नहीं? कोर्ट ने आगे कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करे।

By Atul GuptaEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2016 03:29 PM (IST)

मुंबई। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश ना करने देने के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की डबल बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर पुरूष किसी मंदिर में पूजा करने के लिए जा सकते हैं तो तो कोई भी कानून महिलाओं को मंदिर में पूजा के लिए प्रवेश करने से नहीं रोक सकता।

कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर मंदिर प्रशासन या कोई व्यक्ति किसी को मंदिर में प्रवेश करने से रोकता है तो उसे महाराष्ट्र के कानून के मुताबिक 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है।

महाराष्ट्र के अहमदनगर में मौजूद शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश ना करने देने के खिलाफ वरिष्ठ वकील निलिमा वर्तक की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीएच वाघेला और जस्टिस एम एस सोनक ने कहा कि ऐसे कोई कानून नहीं है जो महिलाओं को कहीं भी जाने से रोक सके।


कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर आप पुरूषों को मंदिर में प्रवेश की आज्ञा देते हैं तो महिलाओं को क्यों नहीं? कोर्ट ने आगे कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करे।

कोर्ट ने आगे कहा कि अगर ये भगवान की पवित्रता से जुड़ा हुआ मामला है तो महाराष्ट्र सरकार को हिंदू पूजा एक्ट 1956 के तहत बयान देना चाहिए।

पढ़ें- एक ऐसा मंदिर जहां घी, तेल नहीं पानी से जलता है दीपक