'सहमति से संबंध बनाने के लिए कोर्ट की मंजूरी की जरूरत नहीं'
बालिग लड़कियां सहमति से यौन संबंध बना सकती हैं और इसके लिए महिलाओं को कोर्ट के अनुमोदन की जरूरत नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने दिल्ली की एक अदालत के फैसले पर टिप्पणी करते हुए सह बात कही। कोर्ट ने कहा था, 'कुछ मामलों में सामने आया है कि पहले महिलाएं सहमति से संबंध बनाती हैं औ
नई दिल्ली। बालिग लड़कियां सहमति से यौन संबंध बना सकती हैं और इसके लिए महिलाओं को कोर्ट के अनुमोदन की जरूरत नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने दिल्ली की एक अदालत के फैसले पर टिप्पणी करते हुए सह बात कही। कोर्ट ने कहा था, 'कुछ मामलों में सामने आया है कि पहले महिलाएं सहमति से संबंध बनाती हैं और बाद में इसे दुष्कर्म का नाम दे देती हैं।'
कोर्ट ने यह भी कहा था कि लड़कियों को सदाचार और सामाजिक आधार पर भी शादी से पहले संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए। चौधरी के मुताबिक, इसमें कुछ हद तक सच्चाई भी हो सकती है कि पहले महिलाएं सहमति से संबंध बनाती हों और बाद में बदल जाती हों, लेकिन यह पूरी तरह से लागू होने वाला सच नहीं है। फिर भी मैं फैसले और जज की टिप्पणी पर कुछ नहीं कह सकती।
मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि महिलाओं के सामने बड़ी चुनौती है। साथ ही, महिलाओं को सहमति से यौन संबंध बनाने का अधिकार है। हमें 18 वर्ष की आयु के बाद इसके लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है और न ही अदालत के फैसले या अनुमोदन की दरकार है।
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