जानिए, मुरथल का सच; ढाबे पर निर्वस्त्र पहुंची थीं महिलाएं
न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने मुरथल सामूहिक दुष्कर्म मामले में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कहा कि ढाबे पर निर्वस्त्र पहुंची थीं महिलाएं ।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 'बड़ी संख्या में महिलाएं जो निर्वस्त्र थीं, शरण के लिए ढाबे पर पहुंची थीं। उन्हें कंबल और कपड़े दिए गए थे।' यह बात न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने मुरथल सामूहिक दुष्कर्म मामले में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सुनवाई के दौरान मीडिया के हवाले से कही। न्याय मित्र गुप्ता और सरकारी वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
सुनवाई आरंभ होते ही प्रकाश सिंह कमेटी और मुरथल मामले की जांच कर रही एसआइटी की रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई। इस मौके पर एसआइटी की इंचार्ज आइजी ममता सिंह ने कोर्ट को बताया कि एसआइटी ने ट्रक चालक अमरीक सिंह समेत 226 लोगों से पूछताछ की। अमरीक सिंह से उन्होंने और अपराध जांच एजेंसी (सीआइए) ने भी पूछताछ की, लेकिन दुष्कर्म का कोई सुबूत नहीं मिला। इस दौरान न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि एसआइटी की रिपोर्ट ने एक बार फिर से निराश किया है।
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ऐसा प्रतीत होता है कि यह दबाव में तैयार की गई रिपोर्ट है क्योंकि यह दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना के सुबूत मिलने से इन्कार कर रही है। कोर्ट ने कहा कि एसआइटी की जांच अधिकारी के बदलने के बाद उम्मीद थी कि अब जांच सही दिशा में जाएगी, क्योंकि जांच करने वाली अधिकारी आइजी स्तर की है। न्याय मित्र ने इस संदर्भ में प्रकाश सिंह के एक पत्रिका में प्रकाशित इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि प्रकाश सिंह ने माना है कि कमेटी के तीनों सदस्यों के सामने मुरथल के एक ढाबा मालिक आए थे। इन्होंने बिना किसी कैमरा और रिकॉर्डिग यह स्वीकार किया कि उस रात कुछ ऐसा हुआ था, जो महिलाओं की इज्जत के लिहाज से अपमानजनक था।
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मुरथल के ढाबा मालिक ने कमेटी को बताया था कि जिस दौरान घटना हुई थी बड़ी संख्या में महिलाएं जो निर्वस्त्र थीं, शरण के लिए ढाबे पर पहुंची थीं। उन्हें कंबल और कपड़े दिए गए थे। न्याय मित्र ने कहा कि एक ओर इस प्रकार की बातें सामने आ रही हैं और दूसरी ओर एसआइटी ऐसी किसी भी घटना से इन्कार कर रही है। एसआइटी की प्रमुख आइजी हैं और प्रकाश सिंहकमेटी में पूर्व डीजीपी हैं।
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ऐसे में पूर्व डीजीपी के सामने दिए गए बयान का खंडन आइजी कर रही हैं। न्याय मित्र ने कहा कि कोर्ट के सामने सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता की मां का इंटरव्यू दिखाया गया था। एक अन्य वीडियो दिखाई गई थी जिसमें पुलिस वालों की बातचीत थी। इन सब के बावजूद एसआइटी की जांच रिपोर्ट घटना पर आंखें बंद कर क्यों बनाई गई। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से अनुपम गुप्ता ने कहा कि मुरथल मामले की और इस समाचार की सच्चाई का पता लगाने के लिए कमेटी के तीनों सदस्यों से उनका हलफनामा मांगना चाहिए कि क्या कोई ढाबा मालिक उनसे मिलने आया था और यदि आया था तो क्या उसने सामूहिक दुष्कर्म की बात कही थी।