रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जनहित याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को रिहायशी कॉलोनी का लाइसेंस देने की जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने सस्ते प्रचार के लिए किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ याचिका दाखिल करने पर याची को फटकार भी लगाई।
By Edited By: Updated: Mon, 28 Oct 2013 11:38 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को रिहायशी कॉलोनी का लाइसेंस देने की जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने सस्ते प्रचार के लिए किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ याचिका दाखिल करने पर याची को फटकार भी लगाई।
'वाड्रा की जांच का बदला लिया जा राह मुझसे' वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वाड्रा की कंपनी सहित कई अन्य रियल एस्टेट कंपनियों को हरियाणा में रिहायशी कॉलोनी बनाने के लाइसेंस देने की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। साथ ही कंपनियों के खिलाफ चल रहे ऑडिट रोकने के कैग के आदेश को भी निरस्त करने की मांग की थी। समाज में किन्नर अभी भी अछूत: सुप्रीम कोर्ट
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका में सिर्फ राबर्ट वाड्रा की कंपनी शामिल करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अन्य कंपनियों को भी लाइसेंस मिले हैं, तो याचिका में उनका जिक्र क्यों नहीं किया गया। किसी के राजनीतिक दल से जुड़े होने के कारण उसका नाम खराब नहीं किया जा सकता। उसे गलत नहीं कहा जा सकता। इसके अलावा कोर्ट ने शर्मा की याचिका की अन्य मांगों पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि वह जिस पत्र को खारिज करने की मांग कर रहे हैं उसकी प्रति नहीं लगाई है। पीठ ने शर्मा से कहा कि उन्होंने पहले कई अच्छे काम किए हैं। उन्हें उसी पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह के सस्ते प्रचार में नहीं पड़ना चाहिए। उन्हें पहले हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिए थी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट आना चाहिए था।
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