सिंध, बलूचिस्तान और गुलाम कश्मीर में मौजूद हैं तालिबान आतंकी, पाकिस्तान सेना और ISI ने दी ट्रेनिंग
हिंदुकुश मूवमेंट के नेता जफर सहितो का कहना है कि यदि अफगानिस्तान में तालिबान कुछ और समय रह गया तो ये पूरी दुनिया के लिए गलत होगा। इसलिए इसको समय रहते ही खत्म करना होगा। एक इंटरव्यू में उन्होंने ये बात कही है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 01:09 PM (IST)
चेन्नई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। अफगानिस्तान में इनकी सरकार किस तरह से बनेगी इसको लेकर भी दोहा में चर्चा चल रही है। इसमें तालिबान के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं। लेकिन तालिबान केवल अफगानिस्तान में ही नहीं है बल्कि इनका पाकिस्तान के सिंध, बलूचिस्तान और गुलाम कश्मीर में भी बोलबाला है। पाकिस्तान सरकार की सरपरस्ती में इनको ट्रेनिंग देने का काम सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई करती है। इसका खुलासा पाकिस्तान मूल के नागरिक जफर सहितो ने किया है।
जफर सहितो जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट के चीफ आर्गेनाइजर हैं और अमेरिका में निर्वासन का जीवन जी रहे हैं। पेशे से वो एक सिविल इंजीनियर हैं और पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर वो एक प्रखर वक्ता भी हैं। वो पूरी दुनिया को सिंधुदेश के लिए जागरुक करने का म करते हैं। उन्होंने वर्ष 2015 में अपनी ये मुहिम शुरू की थी। हालांकि, इसकी बदौलत ही उन्हें पाकिस्तान छोड़ना भी पड़ा था। अब अपने एक खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि यदि तालिबान सरकार के स्वरूप को जल्द ही खत्म नहीं किया गया तो ये पूरी दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा।
अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर काफी कुछ बात की। उन्होंने ये भी कहा कि अफगानी किसी भी सूरत से तालिबान को स्वीकार नहीं करेंगे। उनके मुताबिक वर्तमान में आईएसआई की ताकत के दम पर तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। लेकिन वो सच के साथ नहीं है इसलि उनकी हार भी तय है। जफर का मानना है कि अफगानिस्तान एक बार फिर से तालिबान को बाहर जरूर करेगा।
बीते दो दशक के एक सवाल पर जफर ने कहा कि इस दौरान यहां की महिलाओं को कई तरह से आजादी मिली, लेकिन तालिबान के शासन में ये संभव नहीं होगा। यदि तालिबान कुछ समय भी रह गया तो उनकी मौजूदगी में सामाजिक और नैतिक मूल्यों को दोबारा खाक कर दिया जाएगा। महिलाओं का अकेले बाहर निकलना खत्म हो जाएगा साथ ही उनकी शिक्षा को भी बंद कर दिया जाएगा। स्कूलों को मदरसे में तब्दील कर दिया जाएगा। यदि इन्हें जल्दी ही खत्म नहीं किया गया तो ये पूरी दुनिया के लिए बहुत बुरा होगा।
पाकिस्तान और तालिबान के संबंध पर उन्होंने खुलकर कहा कि तालिबानियों को सेना और आईएसआई के अंतर्गत ही ट्रेनिंग मिलती है। इन्होंने मिलकर बलूचिस्तान, गुलाम कश्मीर और सिंध पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इन आतंकियों ने शांति की इच्छा रखने वाले नेताओं को अपना निशाना कई बार बनाया है। उन्होंने अपनी रैली के दौरान होने वाली घटनाओं के पीछे भी इनका ही हाथ बताया है। जफर ने साफ कहा कि इसमें उनका साथ सरकार, सेना और आईएसआई मिलकर देती है।