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पांच साल में निर्मल हो जाएगी यमुना

वर्षो से चलाए जा रहे यमुना एक्शन प्लान व दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी यमुना नदी स्वच्छ नहीं हुई। दिल्ली के वजीराबाद से ओखला तक यमुना नाले में बदल गई है। अब यमुना को पांच साल में निर्मल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिल्ली

By Abhishake PandeyEdited By: Updated: Tue, 06 Jan 2015 09:04 AM (IST)
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नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। वर्षो से चलाए जा रहे यमुना एक्शन प्लान व दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी यमुना नदी स्वच्छ नहीं हुई। दिल्ली के वजीराबाद से ओखला तक यमुना नाले में बदल गई है। अब यमुना को पांच साल में निर्मल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा तैयार जल नीति के मसौदे में कहा गया है कि 2020 तक यमुना के पानी को नहाने लायक बनाया जाएगा।

150 फीसद इलाकों में नहीं है सीवर लाइन

मसौदे में निगरानी व्यवस्था को भी मजबूत करने की बात कही गई है। दिल्ली में यमुना में करीब 22 बड़े नाले गिरते हैं। हाल ही में तैयार दिल्ली जल बोर्ड के सीवर मास्टर पालन के अनुसार राजधानी के 50 फीसद इलाकों में सीवर लाइन नहीं है। इसके चलते उन इलाकों के सीवर का पानी नालों के जरिए यमुना में गिर रहा है। इसलिए दिल्ली जल बोर्ड नालों के पानी को शोधित करने की योजना पर काम कर रहा है। 1,962 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली के तीन मुख्य बड़े नालों नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन व शाहदरा ड्रेन के किनारे 59 किलोमीटर लंबी इंटरसेप्टर सीवर लाइन विकसित की जा रही है।

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