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भारतीयों को लाने के लिए पोत अदन पहुंचा

भारत ने यमन में फंसे अपने 4,000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। शायद यही वजह रही कि मंगलवार रात भारतीय जलपोत आइएनएस सुमित्रा को अदन के बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति मिल गई। संभावना है कि यह 400 भारतीयों को लेकर बुधवार

By anand rajEdited By: Updated: Wed, 01 Apr 2015 01:56 AM (IST)
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नई दिल्ली। भारत ने यमन में फंसे अपने 4,000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। शायद यही वजह रही कि मंगलवार रात भारतीय जलपोत आइएनएस सुमित्रा को अदन के बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति मिल गई। संभावना है कि यह 400 भारतीयों को लेकर बुधवार को जिबूती पहुंच जाएगा। इसके पहले आइएनएस सुमित्रा यमन की समुद्री जलसीमा की ठीक बाहर खड़ा था, लेकिन बंदरगाह पर लंगर डालने की मंजूरी नहीं मिल पा रही थी।

विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह मंगलवार को भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के प्रयास 'ऑपरेशन राहत' पर नजर रखने के लिए यमन के पड़ोसी देश जिबूती रवाना हो गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, 'आइएनएस सुमित्रा अदन बंदरगाह पर है। हमारे नागरिकों को वापस लाने का काम जारी है।'

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सरकार के 'ऑपरेशन राहत' के तहत अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी अभियान में लगे पोत आइएनएस सुमित्रा को यमन से भारतीयों को लाने का आदेश दिया गया था। आइएनएस सुमित्रा के अलावा, भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आइएनएस मुंबई और आइएनएस तरकश को मुंबई से रवाना कर दिया गया है। भारतीय वायुसेना के भी दो सवारी विमान सी-17 ग्लोबमास्टर भी यमन के लिए उड़ान भर चुके हैं। दो व्यापारिक पोत कावारत्ती और कोरल सोमवार को ही कोच्चि से यमन के लिए रवाना किए जा चुके हैं। एयर इंडिया के 180 सीटों वाले दो एयरबस ए-320 भी भारतीयों को निकालने के लिए मस्कट पहुंच चुके हैं, क्लीयरेंस मिलते ही वे यमन पहुंचकर भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू कर देंगे।

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