अाप ने माना- कांग्रेस से मिल दोबारा सरकार बनाना चाहते थे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा लगाए गए आरोपों को लगभग स्वीकारते हुए कहा है कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे। आप नेता आशीष खेतान ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद केजरीवाल कांग्रेस विधायकों के सहयोग से दोबारा
By manoj yadavEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2015 12:11 AM (IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा लगाए गए आरोपों को लगभग स्वीकारते हुए कहा है कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे। आप नेता आशीष खेतान ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद केजरीवाल कांग्रेस विधायकों के सहयोग से दोबारा दिल्ली में सरकार बनाना चाहते थे। इससे पहले योगेंद्र और प्रशांत ने बुधवार को साझा बयान जारी कर अरविंद पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद वे कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे।
योगेंद्र ने साफ कहा कि आप में संयोजक पद का कोई मुद्दा न था और न है। उनका आरोप है कि हार के बाद अरविंद, मनीष और अन्य मिलकर पीएसी को भंग करना चाहते थे ताकि विरोधी स्वरों को बंद किया जा सके। इसके अलावा राज्यों में चुनाव लड़ने के फैसले और अनुशासन समिति की जांच रोकने का आरोप भी लगाया। उन्होंने पार्टी से कल के बयान वाली चिट्ठी भी जारी करने को भी कहा और अपने खिलाफ आरोपों की लोकपाल से जांच की मांग भी की। योगेंद्र ने कहा कि मैंने और प्रशांत ने मिलकर पार्टी के सभी वालंटियर्स से कहा है कि वे जो कुछ भी जानते हैं, वह सब कुछ बताएं। इस बड़े हमले के बाद कुमार विश्वास ने अरविंद के बचाव में आते हुए कहा की ये पहला अवसर नहीं है। सत्य की लड़ाई में ऐसे भीषण मौक़े चार वर्षों में बार आए और मुंह की खाकर गए। आख़िरकार सच ही जीतेगा।योंगेंद्र और प्रशांत के आरोप
- लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ सरकार बनाना चाहते थे अरविंद, जिसका उन्होंने विरोध किया।
- हार के बाद पीएसी भंग करने का प्रस्ताव मनीष सियोदिया और संजय सिंह का था।
- आप में संयोजक पद का कोई मुद्दा न था और न है।
- नीतियों का विरोध किया तभी से मतभेद शुरू हुए।
- केजरीवाल राज्यों में चुनाव लड़ने के फैसले के खिलाफ। किसी भी राज्य में प्रचार नहीं करने की धमकी दी थी।
- गलत पोस्टर जारी करने वाले अमानतुल्लाह को टिकट दी। ओखला प्रभारी भी बनाया।
- दिल्ली में संगीन आरोपियों को टिकट दिया गया।
- दो करोड़ के चैक की जांच कराई जाए।
- जिन उम्मीदवारों के पास शराब पकड़ी गई, उनकी जांच हो।
- नैतिक मूल्यों की रक्षा और कार्यकर्ताओं की बात सुनने के लिए कमेटी बने।
- स्थानीय निकायों के चुनाव का फैसला राज्य कमेटी ले।
इससे यह साफ होने लगा है कि इन दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करने का रास्ता साफ होता जा रहा है, क्योंकि अब तक आप के पचास विधायकों ने अपने हस्ताक्षर करके अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इन दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करने के लिए प्रस्ताव लाया जा सकता है। जिसके बारे में 28 मार्च को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में फैसला लिया जा सकता है। वहीं, आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने कहा है कि योगेंद्र यादव जिस तरह से पार्टी के खिलाफ खबरें मीडिया में खबरें प्लांट करते रहे हैं, उससे पार्टी का बहुत बड़ा धड़ा उनसे नाराज है। आम आदमी पार्टी के करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने कहा है कि हर विधायक स्वयं आगे आकर पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निष्कासित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे एजेंडे को जो भी तोड़ने का प्रयास करेगा, हम उसे सहन नहीं कर सकते हैं। चाहे वह कोई भी हो।
उधर, आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा योगेंद्र और प्रशांत के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखे जा रहे पत्र पर पत्रकारों ने जब आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी इसके बारे में विचार करेगी। लेकिन क्या निर्णय क्या होगा, उसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं। आपको बता दें, आम आदमी पार्टी (आप) की अंदरूनी कलह मंगलवार को खुलकर सामने आ गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकालने को लेकर आप ने पहली बार दोनों नेताओं पर वार किया। पार्टी का आरोप है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत और योगेंद्र आप विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने की कोशिश की। इस वजह से दोनों को पीएसी से निकाला गया। वहीं, भूषण और यादव ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने जल्द ही सच्चाई सामने लाने की बात कही है। मंगलवार सुबह आप की तरफ से मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय और पंकज गुप्ता ने मीडिया में बयान जारी किया। इसमें दोनों नेताओं को पीएसी से बाहर निकालने की वजहें बताई गईं। राष्ट्रीय कार्यकारणी के उस फैसले का हवाला दिया गया, जिसमें बैठक की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की बात कही गई थी। बयान में कहा गया है कि आदेश के बावजूद मीडिया में बयान दिए जा रहे हैं। इससे यह माहौल बन रहा है कि कार्यकारणी का फैसला अलोकतांत्रिक और गैर-जिम्मेदाराना था। इन नेताओं ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से बाहर करने की वजहें भी गिनाई।पढ़ेंः 'आप' विधायकों का केजरी को पत्र, योगेंद्र-प्रशांत को करें बाहरपढ़ेंः प्रशांत, योगेंद्र को पार्टी से निकालने की तैयारी,28 को बड़ा फैसला