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जानिए, आखिर कौन है जाकिर नाइक और कैसे बना भड़काऊ उपदेशक

ढ़ाका हमले के बाद जाकिर नाइक का नाम सभी की जुबान पर है। बताया जा रहा है कि इस हमले का एक आतंकी जाकिर के भाषणों से ही प्रभावित होकर खून की होली खेलने निकला था।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2016 06:13 PM (IST)
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नई दिल्ली। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक संस्था का फाउंडर जाकिर नाइक एक इस्लामिक उपदेशक है। इसके साथ ही वह पीस टीवी चैनल का फाउंडर भी है, जिसका ऑफिस मुंबई के डोंगरी इलाके में है। जाकिर का दावा है कि इस चैनल का प्रसारण सौ से अधिक देशों में किया जाता है। पेशे से डॉक्टर जाकिर नाइक का नाम ढ़ाका में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया है।

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बताया जा रहा है कि जिन आतंकियों ने वहां पर हमला कर खून की होली खेली थी उनमें से एक आतंकी जाकिर के ही भाषणों से प्रभावित होकर इस राह पर चल निकला था। जाकिर इस्लामिक उपदेशक होने के बाद भी अपनेे उपदेश अंग्रेजी में देताा है। उसके मंच पर कुछ सियासी हस्तियां भी शामिल हो चुकी हैं। इसमें एक नाम कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का भी है। हालांकि ढ़ाका हमले में जाकिर का नाम आने के बाद दिग्विजय ने कहा है कि यदि उनके खिलाफ कोई सबूत है तो कार्रवाई होनी चाहिए।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जाकिर नाइक ने मुंबई के केसी कॉलेज से पढ़ाई की है बाद में उन्होंने MBBS की भी डिग्री हासिल की। साल 1991 में जाकिर ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। जाकिर ने मुंबई में इस्लामिक इंटरनेेशनल स्कूल और युनाइटेड इस्लामिक यूथ की स्थापना की जिसमें गरीब मुस्लिम बच्चों को स्कॉलरशिप और शिक्षा दी जाती है। जाकिर नाइक के उपदेश और स्पीच के CD और DVD भी बाजार में मौजूद हैं। इसके अलावा उनकी स्पीच इंटरनेट पर भी देखी जा सकती है।

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वर्ष 2006 में कंसेप्ट ऑफ गॉड इन इस्लाम एंड हिंदुइज्म विषय में जाकिर नाइक और धर्म गुरू श्री श्री रवि शंकर के बीच खुले मंच पर बहस भी हुई थी। इसके बाद वर्ष 2007 में जाकिर ने मुंबई के सोमैया मैदान में 10 दिनों के पीस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया था। जाकिर को अपने बयानों को लेकर कई बार कड़ी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा हैै।

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जाकिर के उस बयान की हर जगह तीखी आलाेचना की गई थी जिसमें उन्होंने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी मानने से साफ इंकार कर दिया था। जुलाई 2008 में दिए एक लेक्चर में नाइक ने कहा था कि 9/11 के हमले खुद अमेरिकी सरकार के इशारे पर हुए थे। ढ़ाका में हुए हमले से पहले ही जाकिर पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। इस हमले के बाद एनआईए ने उनके आफिस पर भी छापा मारा है।

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