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उम्र 82 वर्ष, रोज दो बार चढ़ती है पहाड़

लक्ष्मी प्रतिदिन सुबह 9 बजे घर से निकलती है। आमेर के पर्यटन स्थल बड़ा सागर पहुंचती है। वहां वह अपने साथ लाया हुआ गुंथा हुआ आटा बेचती है।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2016 11:17 AM (IST)
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क्या 82 वर्ष की आयु में हम पहाड़ पर चढऩे की कल्पना कर सकते हैं। लेकिन 82 वर्षीय वृद्धा लक्ष्मी रोज दो बार पहाड़ पर चढ़ती है। वह रोज पहाड़ पार करके गुंथा हुआ आटा बेचने जाती है।

दरअसल लक्ष्मी खेड़ी गेट स्थित मीणों की ढाणी में रहती है। वह प्रतिदिन सुबह 9 बजे घर से निकलती है। आमेर के पर्यटन स्थल बड़ा सागर पहुंचती है। वहां वह अपने साथ लाया हुआ गुंथा हुआ आटा बेचती है। वहां घूमने आये पर्यटक उससे आटा खरीदकर मछलियों को खिलाते हैं। इसी कमाई से लक्ष्मी का घर चलता है और उसके बीमार बेटे के लिये दवा आती है।

लक्ष्मी एक दिन में 80 से 100 रुपये तक कमा लेती है और फिर वापिस पहाड़ पार करके अपने घर तक पहुंचती है।

लक्ष्मी के तीन बच्चों और पति की मौत हो चुकी है। एक बेटा उसके साथ रहता है, जो अक्सर बीमार रहने के कारण काम पर नहीं जा पाता। दूसरा बेटा उसके परिवार के साथ अलग रहता है। अपना और बीमार बेटे का पेट पालने के लिए उसे ही मेहनत-मशक्कत करनी पड़ती है। सड़क से आना-जाना दूर पड़ता है इसलिए रोजाना पहाड़ के रास्ते आती-जाती हैं।

लक्ष्मी के अनुसार पर्यटकों की चहल-पहल के समय उसे दिनभर में 200 रुपए तक मिल जाते हैं। गर्मियों में कम लोग बड़ा सागर पहुंचते हैं। आटा बिक नहीं पाता, जिससे बेटे के लिए दवा लाना तो दूर,कई बार घर में चूल्हा तक नहीं जलता।

लक्ष्मी के पास राशन कार्ड, पहचान पत्र जैसे दस्तावेज तो हैं लेकिन सरकार से उसे कोई सहायता प्राप्त नही हुई। अपनी पेंशन चालू करवाने के लिए वह तहसील कार्यालय के कई चक्कर भी काट चुकी है।

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