सेहरा बांध दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन, दूल्हे की हुई विदाई
इस दौरान लड़के वालों ने लड़की का वैसा ही स्वागत किया जैसा आम शादियों में दूल्हे का किया जाता है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 07 Mar 2017 09:06 AM (IST)
आज हम आपको पंजाब के बठिंडा में हुई एक ऐसी अनोखी शादी के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में आपने शायद ही कभी पहले सुना हो। जी हां, ये एक ऐसी शादी थी जहां दूल्हे और दुल्हन को देख हर कोई हैरान था।
इस अनोखी शादी में जहां दुल्हन सेहरा बांधे नजर आई तो वहीं दूल्हे के हाथों में मेंहदी लगायी गयी थी। हाथ में किरपान लिए दुल्हन दूल्हे के घर पहुंची। इस दौरान लड़के वालों ने लड़की का वैसा ही स्वागत किया जैसा आम शादियों में दूल्हे का किया जाता है। शादी भी संपन्न हो गई और उसके बाद विदाई के वक्त लड़का अपने परिवार वालों के गले मिलकर रोया भी। उसके बाद डोली में बैठाकर लड़के को विदा किया गया। लड़की के घर पहुंचने पर लड़के का शानदार स्वागत किया गया उसी तरीके से जैसे ससुराल में नई बहू का होता है। लड़के ने बिना किसी झिझक के लड़की का सरनेम अपनाया है और अब वह पत्नी के साथ उसी के घर में ही रहेगा।
दूल्हे सुखमिंदर की उम्र 30 साल हैं और वो एलआई सी में एडवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। सुखमिंदर का एक छोटा भाई और बहन है जो मां का ख्याल रखेंगे, जबकि बलजीत अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है। शादी के बाद उसके मां-बाप की देखभाल कौन करता इसलिए उसने अपने माता-पिता के साथ रहना ही ठीक समझा।
बलजीत एक बुटिक में काम करती है। उसका कहना है कि घर में चार बड़ी बहनें हैं, एक भाई था लेकिन अब वो भी नहीं रहा। ऐसे में मैं अपने माता-पिता का ध्यान रख सकूंगी।
ये शादी 26 फरवरी को हुई। इस मौके पर डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम भी मौजूद रहे। डेरा सच्चा सौदा की ओर से चलाए जा रहे 127 भलाई के कार्यों में से इस तरह की शादी भी है। शादी को कुल का क्राउन नाम दिया गया है। इसके तहत लड़की शादी कर ससुराल जाने के बजाय पति को अपने घर लाती है। फिर दोनों साथ रहते हैं। इस रिवाज से ये 19वीं शादी थी।