चीन के लोग पीते हैं ये 'लू ड्रिंक', इसे पीने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे आप
चीन के लोग जो ना करें वो कम है अब देख लो एक अजीब सी ड्रिंक है उसे पीकर कहते हैं कि इससे बीमारियां दूर रहती हैं लेकिन क्या इसे आप पीने की हिम्मत कर सकते हैं...
बेहतर हेल्थ की खातिर चीन के लोग एक 'खास ड्रिंक' पीते हैं, जिसे पीने की हिम्मत शायद ही कोई जुटा सके। हालांकि, चीन में एक ऐसी संस्था बनाई गई है, जो इसे पीने के लिए प्रोत्साहित करती है। वुहान सिटी के कंगयुयुयान रेसिडेंशियल एरिया में स्थित इस संस्था का नाम चीन यूरिन थेरेपी एसोसिएशन है। आखिर क्या है वो ड्रिंक...
दरअसल, इस संस्था से जुड़े लोग बेहतर हेल्थ की खातिर खुद का यूरिन पीते हैं। इसकी शुरुआत बाओ याफु और यी डोंगशान नाम के दो शख्स ने की थी। ये लोग रोजाना सुबह-सुबह चीन यूरिन थेरेपी एसोसिएशन के बाथरूम से निकलते हैं। वे वहां पर कप में यूरिन निकालते हैं और बाहर आकर पी जाते हैं। ये आपस में चर्चा करते हैं कि वाकई में ये बहुत ही टेस्टी ड्रिंक था। बिल्कुल लाइट चाय की तरह।
पढ़ें- इन कामों को करने वाला जाता है सीधे नर्क में, जिनका हो मजबूत कलेजा वही क्लिक करे
यूरिन थेरेपी एसोसिएशन नाम की इस संस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि अपना मूत्र पीने से घाव, कब्ज और गंजेपन से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा कई अन्य फायदे भी हैं। चीन में इस संस्था से जुड़े लोग अपनी आंख और चेहरे को भी यूरिन से साफ करते हैं। ऐसा मानना है कि इससे आंखों की रोशनी बरकरार रहती है साथ ही चेहरे पर भी रौनक आती है। इतना ही नहीं, इस संस्था से जुड़े लोगों का मानना है कि खुद के यूरिन को पीने वाले व्यक्ति को कोई भी बीमारी नहीं हो सकती है। बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे मोरार जी देसाई भी स्वमूत्र सेवन करते थे।
पढ़ें- अगर पत्नी से करते हैं प्यार तो इस जगह पर ना जाना यार!
2008 में शुरू हुई थी ये एसोसिएशन
यूरिन पीने के लिए बनी ये संस्था साल 2008 में बनाई गई थी। हालांकि, अब तक चीन हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दिया है। बावजूद इसके, साल 2010 में इस संस्था से तकरीबन 800 लोग सदस्य के रूप में जुड़े थे, जो अब बढ़कर 1000 तक हो गई है।
ये सभी लोग रोजाना सुबह में एसोसिएशन के बिल्डिंग में आते हैं और बाथरूम में अपना मूत्र त्यागकर उसे पी जाते हैं। इसके अलावा अलग-अलग तरह के एक्सरसाइज भी करते हैं।
रोचक, रोमांचक और जरा हटके खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें