आप जानते हैं, फांसी की सजा देने के बाद जज अपनी पेन की निब क्यों तोड़ देते हैं?
हमारे कानून में फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है। क्योंकि इससे व्यक्ति का जीवन समाप्त हो जाता है....
फिल्मों में आपने ऐसे कई सीन देखे होंगे जिसमें जज मौत की सजा सुनाने के बाद अपने पेन की निब तोड़ देते हैं लेकिन इसके पीछे क्या राज होता है ये आपको नहीं पता होगा। ये सवाल आपके मन आया भी होगा कि आखिर मौत पर दस्तखत करने के बाद जज ये पेन की निब क्यों तोड़ देता है तो इस सवाल का जवाब हम देते हैं कि वो ऐसा क्यों करते हैं।
पढ़ें- अपनी कार पर 19 लाख रुपए खर्च कर ये लड़की बनी आकर्षण का केन्द्र
हमारे कानून में फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है। क्योंकि इससे व्यक्ति का जीवन समाप्त हो जाता है, इसलिए जज सजा को मुकर्रर करने के बाद पेन की निब तोड़ देता है और उम्मीद की जाती है कि आगे से ऐसे जघन्य अपराध ना हों। साथ ही साथ इसका मतलब ये भी होता है कि एक व्यक्ति की जीवन लीला समाप्त होती है इसलिए जज इस सज़ा को मुकर्रर करने के बाद पेन की निब तोड़ देते हैं, ताकि उस पेन का इस्तेमाल दोबारा न हो सके।
पढ़ें- गजब! नौ साल की बच्ची है रिपोर्टर, खुद निकालती है अखबार
सैद्धांतिक तौर पर, Death Sentence किसी भी जघन्य अपराध के मुकदमों के लिए समझौते का अंतिम एक्शन होता है, जिसे किसी भी अन्य प्रक्रिया द्वारा बदला नहीं जा सकता। जब फैसले में पेन से “Death” लिख दिया जाता है, तो इसी क्रम में पेन की निब को तोड़ दिया जाता है, ताकि इंसान के साथ-साथ पेन की भी मौत हो जाए।
पढ़ें- अच्छा...तो इसलिए आपके दोस्त मैसेज का रिप्लाई नहीं करते
अक्सर यह भी माना जाता है कि शायद फैसले से अपने आप को अलग रखने या फैसले को लेकर होने वाले प्रायश्चित या अपराधबोध को लेकर जज पेन की निब तोड़ देते हैं। एक बार फैसला लिख दिये जाने और निब तोड़ दिये जाने के बाद खुद जज को भी यह यह अधिकार नहीं होता कि उस जजमेंट की समीक्षा कर सके या उस फैसले को बदल सके या पुनर्विचार की कोशिश कर सके।
रोचक, रोमांचक और जरा हटके खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें