Move to Jagran APP

डॉगी भी हम सबकी तरह सपने देखते हैं

कुत्ते भी हमलोगों की तरह ही सपने देखते हैं। जैसे हमारे सपनों में अपने जीवन की किसी घटना पर आधारित चीजें घटती हैं, हमारे डॉगी के सपनों में भी वही सब होता है। वे किसी जानवर का पीछा कर रहे होते हैं, नोचते-खसोटते होते हैं और दुलार-प्यार होते हैं।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Fri, 19 Feb 2016 11:49 AM (IST)
Hero Image
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। कुत्ते भी हमलोगों की तरह ही सपने देखते हैं। जैसे हमारे सपनों में अपने जीवन की किसी घटना पर आधारित चीजें घटती हैं, हमारे डॉगी के सपनों में भी वही सब होता है। वे किसी जानवर का पीछा कर रहे होते हैं, नोचते-खसोटते होते हैं और दुलार-प्यार होते हैं।

कुत्तों पर रिसर्च करने वाले यह भी मान रहे हैं कि श्वान निद्रा का टर्म सही है। वे सोते हुए भी सतर्क रहते हैं। ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर स्टेनली कोरेन का मानना है कि कुत्ते सोते हुए भी सतर्क रहते हैं। इसलिए खटके पर नींद टूटने पर भी वे तुरंत प्रतिक्रिया जताते हैं। वैसे, सोने के मामले में कुत्ते आदमी से बढ़कर हैं। लोगों के लिए 7 से 8 घंटे तक की नींद पर्याप्त है जबकि अपने डॉगी 12 से 14 घंटे तक सोते हैं। वे 24 घंटे में 44 प्रतिशत बिल्कुल सतर्क रहते हैं, 21 प्रतिशत उनींदे और 35 प्रतिशत नींद में रहते हैं। नींद के दौरान 12 प्रतिशत हल्की नींद होती है जबकि 23 प्रतिशत गहरी।

यह भी उसी तरह

अमेरिका के मैसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी संस्थान में सेंटर फॉर लर्निंग एंड मेमोरी के प्रो. मैथ्यू ए. विल्सन के अनुसार, आदमी और कुत्ते- दोनों की नींद में एक और बात सामान्य है। दोनों की हल्की नींद के दौरान पुतलियां तो ढंकी रहती हैं लेकिन आंखें इधर-उधर घूमती रहती हैं। गहरी नींद में दोनों में ही आंखें तो क्या, शरीर में भी बिल्कुल हलचल नहीं होती। कुत्तों का अभी नहीं पता लेकिन आदमी को अधिकतर वे सपने ही याद रहते हैं जो वह हल्की नींद में देखता है।

कुत्तो के साथ सोने के लिए पति को छोड़ा

दोनों का दिमाग एकसमान

अमेरिकन कॉलेज ऑफ वेटनरी बिहेवियर के प्रोफेसर डॉ. निकोलस डोडमैन कहते हैं कि दोनों जीवों का सामान्य व्यवहार अजूबा नहीं है। आखिर, जेनेटिक और शारीरिक रूप से दोनों में लगभग 95 प्रतिशत समानताएं हैं। हमारे दिमाग, न्यूरोकेमेस्ट्री, प्रतिक्रिया जताने के तरीके और मेमोरी समान हैं। प्रो. कोरेन का तो साफ कहना है कि मेडिकल साइंस के हिसाब से दोनों के दिमाग में काफी समानता है। अंतर सिर्फ यह है कि डॉगी का दिमाग उस तरह विकसित नहीं हो पाया है जिस तरह आदमी का।

कुत्ते को मिलेगा गैलेंटरी अवॉर्ड, जानिए क्यों ....

41 कुत्तों के साथ रहती है ये महिला