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इंसानियत की मिसालः जब एक हिंदू पड़ोसी का मुस्लिम युवकों ने किया अंतिम संस्कार

महाराष्ट्र के ठाणे में इंसानियत की बेहतरीन मिसाल देखने को मिली जब मुस्लिम युवकों ने अपने हिंदू पड़ोसी का धर्म से ऊपर जाकर अंतिम संस्कार किया। ऐसी बानगी देश में बहुत कम देखने को मिलती है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2016 12:55 PM (IST)
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महाराष्ट्र के ठाणे में कुछ मुस्लिम युवकों ने मानवता को धर्म से ऊपर रखते हुए एक मिसाल पेश की है। मुंबरा में इन मुस्लिम युवकों ने एक हिंदू शख्स का अंतिम संस्कार किया। युवकों के पड़ोस में रहने वाले 65 साल के वमन कदम की रविवार रात को अपने घर पर मौत हो गई थी। कदम एक बिल्डिंग में चौकीदार की नौकरी करता था।

दरअसल, कदम की पहली पत्नी के दो बेटों और उसके रिश्तेदार रात में आने से हिचकिचा रहे थे। कदम की विधवा वितावा ने मुस्लिम युवकों से मदद मांगी तो वे बिना किसी हिचक के तैयार हो गए।

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आठ मुस्लिम युवकों खलिल पावने, फहद डाबिर, नवाज, राहिल, शबनम खान, मकसूद, फारूख खान और कासिम शेख ने खुद ही अंतिम संस्कार के कर्मकांड के लिए पंड़ित की तलाश की और उसे पूरा किया। युवकों ने खुद ही डॉक्टर से वमन कदम का मृत्यु प्रमाणपत्र बनाया।

कदम की पत्नी वितावा बताती हैं, 'मेरे पति ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी अंतिम यात्रा इतने सम्मान के साथ निकलेगी। उनकी अंतिम यात्रा में 40 से भी अधिक मुस्लिम युवक थे। हम उन्हें काफी समय जानते है, तब वे बच्चे ही थे लेकिन अब उन्होंने बड़े होने की जिम्मेदारी भी निभाई है। वे हमारे बड़े हमदर्द बने।'

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