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हाथ नहीं फिर भी तैराकी में अव्वल है यह बच्चा

कहते हैं न कि हिम्मत और हौंसले बुलंद हो तो नामुमकिन से नामुमकिन काम भी आसान हो जाता है। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला। यहां 9 साल के बच्चे अब्दुल कादिर ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया की सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। जानकारी

By Babita kashyapEdited By: Updated: Wed, 03 Jun 2015 12:01 PM (IST)
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मध्यप्रदेश। कहते हैं न कि हिम्मत और हौंसले बुलंद हो तो नामुमकिन से नामुमकिन काम भी आसान हो जाता है। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला। यहां 9 साल के बच्चे अब्दुल कादिर ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया की सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक हादसे में दोनों हाथ गंवाने वाले अब्दुल ने 45 सेकंड में 25 मीटर लंबे स्वीमिंग पूल को तैरकर पार कर लिया।

बताया जा रहा है कि 24 मई 2014 को अब्दुल भोपाल में अपनी मौसी के घर पर था। हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से वह कंधे से दोनों हाथ गंवा बैठा। 24 मई 2015 को हादसे को एक साल पूरा हुआ और उसने उम्मीदों का नया आसमां खड़ा कर दिया। उसने तैरने की ट्रेनिंग ली और 25 मीटर लंबे स्वीमिंग पूल को पार कर सबको चौंका दिया। अब्दुल हैंडीकैप स्वीमिंग में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतना चाहता है। उसने फेसबुक पर बिना हाथ के खिलाड़ी के गले में गोल्ड मेडल देखा था, तभी से तैराकी का सपना संजो लिया।

बताया जाता है दूसरी कक्षा में पढऩे वाला अब्दुल पढ़ाई में भी अव्वल है। हाथ कटने के बाद उसने अस्पताल में ही पैरों से कलम थाम ली थी। वह लैपटॉप भी पैरों से ही चलाता है। वह फुटबॉल भी खेलने लगा है। अब्दुल के हौंसले को देखकर मप्र के प्रमुख सचिव एंटोनी डिसा ने 15 जनवरी 2015 को कृत्रिम हाथ लगवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अफसोस की 5 महीने बाद भी उसे हाथ नहीं मिल सके।

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