Move to Jagran APP

किन्नरों का जन्म क्यों होता है, जन्म कुंडली में छिपा होता है ये राज

प्रकृत‌ि में नर नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है जो न तो पूरी तरह नर होता है और न नारी। इन लोगों को हम किन्नर कहते हैं।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2016 03:46 PM (IST)
Hero Image

हमारे समाज में किन्नरों को बुरी नजर से देखते हैं तो वहीं ये भी मानते हैं कि एक बार अगर इन लोगों की दुआ लग जाए तो उसकी बरक्कत निश्चित है। क्या कभी आपने सोचा है कि इन लोगों का जन्म क्यों होता है? शायद नहीं सोचा होगा इसके पीछे भी एक बहुत बड़ा रहस्य है इस रहस्य को जानने के लिए आपको हम क्रमबद्ध तरीके से समझाएंगे।

तो तमाम तरह के सवाल मेरे जहन में आये हैं। जैसे कि यह कैसे रहते होंगे? किस वजह से ये ऐसे पैदा हुए? और इनकी शारीरिक इच्छाएं क्या होती होंगी! इन सब सवालों में से सबसे ज्यादा जिस बारे में जानने की इच्छा रहती थी, वो ये था कि आखिर इन लोगों का ऐसे पैदा होने का कारण क्या है? आखिर क्यों ये न ही लड़की की तरह दिखते हैं और न ही किसी लड़के की तरह। क्या ऐसा इनके मां-बाप में कमी के कारण होता है?

पढ़ें- ये क्या है? स्लिम बनी रहने के लिए यह लड़की खा रही है बच्चों की चीज

शायद आप लोगों में भी कुछ-एक को इस बात को जानने की इच्छा होगी। इसलिए आज हम आपको बताएंगे ज्योतिष शास्त्र में छुपे वो तथ्य, जो बताते हैं कि एक किन्नर के किन्नर होने का कारण क्या है? आपको बता दें कि व्यक्ति की कुंडली यह भी बता सकती है कि उसमें कितनी प्रजनन क्षमता है? किसी व्यक्ति के नपुंसक होने का प्रमाण उसकी कुंडली भी दे सकती है।

पढ़ें- अगर आप हमेशा लेटलतीफ होते हैं, तो आप ज्यादा क्रिएटिव हैं!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है।

जन्म के समय कुंडली में शनि छठे या बारहवें घर में, कुंभ या मीन राशि पर हों, और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शनि को नहीं देख रहा हो तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्ति किन्नर हो सकता है।

पढ़ें- दिलचस्पः सुना तो बहुत होगा लेकिन पहली बार देखिए लैला-मजनू की असली तस्वीर!

ज्योतिष शास्त्र में कई और ग्रह योग बताए गए हैं, जिनके कारण व्यक्ति किन्नर पैदा होता है। वैसे शास्त्रों के अनुसार पूर्व जन्म के पाप कर्मों के कारण व्यक्ति को किन्नर रूप में जन्म लेना पड़ता है। शास्त्रों में इसे शाप से पाया हुआ जीवन कहा जाता है। अर्जुन शाप के कारण किन्नर हुए थे और शिखंडी पूर्व जन्म के कर्मों से।

रोचक, रोमांचक और जरा हटके खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें