एक ऐसी गुफा जिसके छोर का कोई पता नहीं लगा पाया
भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों में आपको कई रहस्यमयी गुफाएं मिल जाएंगी। इनमें से कुछ गुफाएं प्रकृति द्वारा निर्मित हैं और कुछ गुफाएं मानव द्वारा। लेकिन आज हम आपको जिस गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं वो काफी रहस्यमयी है।
भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों में आपको कई रहस्यमयी गुफाएं मिल जाएंगी। इनमें से कुछ गुफाएं प्रकृति द्वारा निर्मित हैं और कुछ गुफाएं मानव द्वारा। लेकिन आज हम आपको जिस गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं वो काफी रहस्यमयी है। इसकी खासियत यह है कि इसके अंतिम छोर तक आज तक कोई नहीं पहुंच पाया।
बिहार प्रदेश के रोहतास जिले में चेनारी नामक क्षेत्र में स्थित कैमूर पहाड़ी पर गुप्तेश्वरनाथ धाम नाम से एक भगवान शिव का मंदिर स्थापित है। कहा जाता है कि यह मंदिर बहुत पुरातन समय का है लेकिन बात सिर्फ इस मंदिर के पुरातन काल के होने की नहीं है बल्कि इस मंदिर से जुड़ी रहस्यमय गुफा की है।
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असल में इस मंदिर का शिवलिंग इस गुफा में जाने पर ही दिखाई देता है और यह गुफा बहुत ही रहस्यमय है, कहा जाता है कि इस गुफा के अंतिम छोर का आज तक किसी को नहीं पता लग पाया है।
मंदिर के पुजारी सागर गिरी इस गुफा के बारे में कहते हैं कि इस गुफा की कोई सीमा नहीं हैं। अभी तक गुफा के अंतिम छोर तक शायद ही कोई पहुंचा हो। यह गुफा अंदर से काफी अंधेरे से घिरी हुई है और काफी डरावनी भी लगती है। लोगों की मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां पर भस्मासुर को भस्म किया गया था तथा इस गुफा का निर्माण भगवान शिव ने स्वयं ही किया था।
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