यहां खौफ के साए में जी रहे हैं पुलिसकर्मी, सता रहा है आत्मा का डर
भूत आत्मा की कहानियां आए दिन सुनी जाती हैं एक ऐसी शक्ति जो अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रहती है। अब पुलिस वाले भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। मामला थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन सोचने पर मजबूर करता है।
भूत, पिशाच, आत्मा इन सभी चीजों में विश्वास करें या ना करें लेकिन ये चीजें वक्त-वक्त पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा देती हैं। अब इसे अंधविश्वास कहा जाए या कुछ और लेकिन किस्से कहानियां इन चीजों को लेकर भरे पड़े हैं। ऐसी ही एक कहानी है पुलिस की। एसटीपीएफ (स्पेशल टॉस्क प्रोटेक्शन फोर्स) कार्यालय परिसर में पुलिसकर्मी इससे भयभीत हैं।
किसी अज्ञात साए के खौफ के चलते पुलिसकर्मी कार्यालय छोड़ भागे हैं। दिन में भी जवानों और अधिकारियों को अकेले कार्यालय जाने में डर लग रहा है। खौफजदा जवानोंं ने अधिकारियों से कार्यालय को बदलने की मांग की है।
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एसटीपीएफ पुलिस उपाधीक्षक सुरेशचंद मीणा व पुलिसकर्मी प्रेमचंद राजाराम आदि ने बताया कि 15 सितम्बर की रात करीब सवा दस बजे तीन-चार पुलिसकर्मी एसटीपीएफ कार्यालय परिसर में स्थित कमरे में बैठे हुए थे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी बाहर चला गया।
वापस आने पर कांस्टेबल चेतराम मीणा पलंग के नीचे पड़ा हुआ था तथा आत्मा का साया दिखने की बात कहकर चिल्ला रहा था। उसका कहना था कि किसी ने उसे पलंग सेे उठाकर नीचे पटक दिया। उसके पैर व हाथों में चोट के निशान थे। इस पर पुलिसकर्मियों के चिल्लाने पर वहां परिसर स्थित अन्य आवासों में रहने वाले वनाधिकारी व वनकर्मी एकत्र हो गए। उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
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सीओ मीणा ने बताया कि अगले दिन रात चेतराम परिसर स्थित घर पर था, लेकिन मध्य रात्रि बाद वह कार्यालय में आकर गिरा। उसके शरीर पर सिंदूर लगा हुआ था। अंधेरे में वनकर्मियों ने उसकी धुनाई कर दी।
इससे एक दिन पहले पुलिसकर्मी हरिशंकर गुर्जर भी चोटिल हो गया था। पुलिसकर्मियों का अंधविश्वास है कि कार्यालय में आत्मा का साया दिखाई दिया है।
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