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यहां कॉफिन में रहने को मजबूर हैं लोग, उसका भी चुकाना पड़ता है किराया

यहां घरों की कीमत इतनी अधिक है कि लोग ताबूत में रहने को मजबूर हैं। यहां के लोगों के लिए घर खरीदना तो बहुत दूर किराये पर लेना भी बहुत मुश्किल है हालात इतने खराब हैं कि लोग ताबूत में रहने का भी किराया चुकाते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Thu, 02 Feb 2017 11:28 AM (IST)
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यहां कॉफिन में रहने को मजबूर हैं लोग, उसका भी चुकाना पड़ता है किराया
मरने के बाद मृत शरीर को ताबूत में रखकर दफनाया जाता है ये तो हम सभी जानते हैं। क्या आपने किसी ऐसे स्थान के बारे में सुना है जहां जिंदा लोग भी ताबूत में रहते हें। ताबूत में रहना उनका शौक नही है बल्कि अपनी मजबूरी के चलते ये लोग ताबूत में रहने को मजबूर हैं।

दरअसल हम बात कर रहे हैं इस दुनिया के सबसे महंगे शहर हांगकांग की आपको जानकर हैरानी होगी की यहां पर ब्रेड भी 300 रुपए की मिलती है। अब आप अंदाजा लगाइये की जब यहां मिलने वाली ब्रेड इतनी महंगी है तो घरों की कीमत क्या होगी। जी हां, यहां घरों की कीमत इतनी अधिक है कि लोग ताबूत में रहने को मजबूर हैं। यहां के लोगों के लिए घर खरीदना तो बहुत दूर किराये पर लेना भी बहुत मुश्किल है हालात इतने खराब हैं कि लोग ताबूत में रहने का भी किराया चुकाते हैं।

पिंजरे में रहने के बाद अब लोग यहां कॉफिन होम्स में रहने को मजबूर हैं। 1.9 मीटर के बने ये ताबूत इतने छोटे हैं कि एक इंसान से ज्यादा इसमें कोई नहीं रह सकता। इनमें ठीक से लेटने की जगह भी नही होती।

इससे भी अधिक हैरानी की बात ये है कि इसके लिये भी ये लोग प्रतिमाह 15 हजार किराया चुकाते हैं। इतने दाम चुकाने के बाद भी यहां रहने के लिए कमरा तक नही मिलता।

हांगकांग में अधिकतर लोग इसी तरह रहते हैं। कुछ लोगों ने तो फ्लैट्स के अंदर ही कॉफिन जैसे घर तैयार कर रखे हैं। जिससे घरों की कमी को कम किया जा सके। हांगकांग सरकार के अनुसार यहां तकरीबन 2 लाख लोग इसी तरह रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं।

संयुक्त राष्टï्र के अनुसार लोगों का इस तरह से रहना अपमान की बात है, इस संसार के सभी व्यक्तियों को सम्मान से रहने का अधिकार है।

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