बालों को सीधा करने के लिए खर्च किए एक लाख, अब ठोका सैलून पर मुकदमा
बेंगलुरु में 60 वर्षीया एक महिला ने पुलिस थाने में सैलून के खिलाफ बालों को बर्बाद करने का मामला दर्ज करवाया है।
बेंगलुरु में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जहां 60 साल की एक महिला इंदिरानगर थाने में जाकर एक सैलून के खिलाफ ये कहते हुए केस दर्ज कराया है कि उसके बालों को बर्बाद कर दिया गया और अब उससे जबरन पैसे की वसूली की जा रही है।
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दरअसल, एचएसआर की रहनेवाली रत्ना कुमारी साल 2014 में इंदिरानगर के बॉडीक्राफ्ट गई और उसके बाद वे वहां नियमित तौर पर जाने लगी। पिछले साल उससे वहां पर बालों को उपचार कराने के लिए कहा गया। जिसके बाद रत्ना को ऐसा लगा कि उसके बाल हमेशा कि लिए सीधे और चिकने हो जाएंगे।
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बैंगलोर मिरर की खबर के मुताबिक, रत्ना ने बताया कि उसे ना ही चिकित्सक और ना ही उसके मालिक ने ये बताया कि उसका ये इलाज अस्थायी होगा। रत्ना का ये भी कहना है कि जिस वक्त बालों का इलाज कराया जा रहा था उस दौरान कई बार सैलून आना पड़ा और कई घंटों तक वहां पर बैठना पड़ा। उसने बताया कि इसके लिए उसे महंगा शैंपू और कंडीशनर भी लाना पड़ा।
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रत्ना ने कहा- मैने इस इलाज के दौरान करीब एक लाख रूपए खर्च किया लेकिन जब नतीजा कुछ नहीं निकला तो सैलून की तरफ से एक बार फिर से इलाज कराने को कहा जा रहा है। लेकिन, पिछले कई बार अपने पैसे वापस मांगने के बाद मैने ये फैसला किया कि पुलिस में सैलून के खिलाफ शिकायत करूं। इसलिए 3 मई को रत्ना ने इंदिरानगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराया है। उसने मानसिक तौर पर परेशानी के लिए सैलून से लागत का पचास फीसद मांगा है।
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जबकि, दूसरी तरफ बॉडी क्राफ्ट के मालिक सुशील कुमार का कहना है कि उनकी तरफ से पहले ही ये साफ तौर पर बता दिया गया था कि बालों का हल्का करने का ये एक अस्थायी समाधान है और ये धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा, जब नए बाल उगेंगे। उस समय रत्ना ने बालों के इलाज के वक्त हामी भरी थी।
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सुशील जो कि एक त्वचा विशेषज्ञ भी हैं, ने बताया कि रत्ना ने आखिरी बार इसका इलाज पिछले साल नवंबर में कराया था। हमने पहले ही कहा कि 10 से 12 हफ्ते तक ठीक उसी तरह बाल रहेंगे। रत्ना ने अपने बालों का इलाज शुरू करवाया और बाल छोटे कराने के भी फैसले किए।
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लेकिन, उसके करीब ढाई महीने बाद वापस आने पर रत्ना ने इस बात की शिकायत की कि उसके बालों को बर्बाद कर दिया गया है। उसने उसका मुआवजा मांगा और हमने उसके करीब 30 फीसद मुआवजा देने को तैयार भी हो गए। वो इसे मानने के लिए तैयार भी थी लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ पता नहीं कि उसने हमारे खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा दी।
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