क्या आप इस Parle-G गर्ल के बारे में जानते हैं जो सिर्फ इसी बिस्किट को खाकर जिंदा है
जिंदगी जीने का नाम है ये तो हम सभी को पता है, और ये भी सच है कि हर कोई अपने तरीके से जीना चाहता है। हर कोई अच्छा खाना चाहता है, अच्छा पहनना चाहता है और अच्छा दिखना चाहता है।
जिंदगी जीने का नाम है ये तो हम सभी को पता है, और ये भी सच है कि हर कोई अपने तरीके से जीना चाहता है। हर कोई अच्छा खाना चाहता है, अच्छा पहनना चाहता है और अच्छा दिखना चाहता है। एक गरीब भी चाहता है कि उसे दो वक्त की रोटी मिलती रहे। ये सब ज्ञान की बाते हैं जो आपको जरूर पता होंगी।
खाने के नाम से याद आया कि आप अपने बचपन के दोस्त पारले जी के बारे में तो सुने ही होंगे, अरे सुने क्या होंगे.. इसे खाए बिना हिंदुस्तान में कोई बड़ा हुआ ही नहीं है। शायद ही कोई ऐसा हो जिसने पारले जी न खाया हो। अगर आपने नहीं खाया है तो एक रिकॉर्ड ही बनाया है चलिए मिलवाते हैं एक ऐसी लड़की से जो अाज तक सिर्फ पारले जी खाकर जिंदा है।
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18 साल की ‘रमव्वा’ जो कि कर्नाटक की रहने वाली है, बचपन से लेकर आज तक पारले जी खा रही है। यहां तक कि जब रमव्वा पैदा हुई तो उसे मां का दूध न पिलाकर गाय का दूध और पारले जी खिलाया गया था। (सलाम है इस Parle Girl को) रमव्वा का एक जुड़वा भाई भी है वो भी पारले जी खाकर रहता था पर समय के साथ उसने छोड़ दिया।
हमें तो यकीन ही नहीं हो रहा है यार जहां हम दो बर्गर खा लें तो तबीयत ढीली हो जाती है, वहीं ये लड़की बचपन से बस पारले जी खाकर जिंदा है। एक बार हम बचपन में 2 पैकेट पारले जी खा लिये थे तो हमारा पेट खराब हो गया था।
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रमव्वा के माता-पिता किसान हैं और उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी रमव्वा पर मेडिकल खर्च नहीं किया और न ही खाने के लिए पैसे खर्च किये। रमव्वा दिन भर में 5-7 पैकेट्स खा लेती है। यही नहीं वो खाना और दूसरे ब्रैंड के बिस्कुट भी नहीं खाती है।
सोचने वाली बात तो है यार इतना टेस्टी लगता है क्या पारले जी? हम तो बहुत पहले ही खाए थे, बहुत दिन हुए खाए। पर एक नेशनल अवॉर्ड तो इस पारले गर्ल को भी मिलना चाहिए।
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