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इनके पास खुद चले आते हैं जहरीले सांप, स्नेक दीदी के नाम से पुकारते हैं लोग

वनिता अब तक 51 हजार सांपों को पकड़ चुकी हैं और आज तक एक भी सांप ने इन्हें नही काटा।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 10 Mar 2017 09:27 AM (IST)
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इनके पास खुद चले आते हैं जहरीले सांप, स्नेक दीदी के नाम से पुकारते हैं लोग
'स्नेक दीदीÓ के नाम से मशहूर महाराष्टï्र के बुलढाणा में रहने वाली ये महिला अब तक 51 हजार सांपों को पकड़ चुकी है। ये महिला जहरीले सांपों को अपना दोस्त मानती है।
स्नेक दीदी के नाम से मशहूर वनिता बोरहाडे 12 साल की उम्र से सांपों को पकडऩे का काम करती है। वनिता अब तक 51 हजार सांपों को पकड़ चुकी हैं और आज तक एक भी सांप ने इन्हें नही काटा। सांप चाहे कितना भी बड़ा और जहरीला क्यों न हो वनिता को देखकर उनके पास चला आता है। अपने अनुभव के कारण वनिता देखते ही जहरीले सांपों को पहचान लेती है।  अपने मोबाइल की रोशनी से ही वनिता बहुत से सांपों का पकड़ चुकी है। 
इस शहर में जैसे ही किसी को सांप दिखता है वो तुरंत वनिता को फोन करते हैं। वनिता बिना किसी हथियार और दस्ताने के सांप को पकड़ लेती है। 
शुरू में लोगों को लगता था कि वे सड़कों पर तमाशा दिखाती हैं और जादू से इन सांपों को पकड़ती हैं। वक्त बीतने के साथ-साथ लोगों को वनिता का काम समझ में आया और लोग उन्हें 'सांप वाली दीदी' के नाम से पुकारते हैं।
शहर में जिस किसी को सांप नजर आता है वह उसे मारने या पकडऩे की जगह फोन कर इसकी जानकारी उन्हें देता है। सांप पकडऩे के दौरान वनिता अपने पास किसी तरह का हथियार या दस्ताने नहीं पहनती। सांप पकडऩे के बाद उसे किसी को देने की जगह जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ देती हैं।
वनिता बोरहाडे बचपन से ही जंगलों में अपने आदिवासी दोस्तों के साथ घूमी हैं। नदी के पानी में मछली पकड़ते-पकड़ते वनिता ने सांप पकडऩा सीखा। शादी के बाद पति से मिले प्रोत्साहन से वनिता ने अपने शौक को प्रोफेशन बना लिया। सांपों को जीवनदान देने का काम करने वाली वनिता को सरकार की ओर से भी कई बार सम्मानित भी किया गया है। इनकी जीवनी टीचर डिप्लोमा कोर्स के पाठ्यक्रम में भी शामिल की गई है। वे बच्चों को भी सांप पकडऩे की ट्रेनिंग देती हैं।