33 साल पहले मां से प्लेन खरीदने का किया था वादा और लेकर ही लौटा ये बेटा
एक बेटे ने अपनी मां से 33 साल पहले एक वादा किया था और आज वो उसने निभा दिया उसने अपनी मां से कहा था कि वो प्लेन खरीदकर ही मां से मिलने आएगा तो जानिए कौन ये शख्स।
झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले डॉ. देवाशीष बनर्जी ने अपनी मां को किए वादे को पूरा किया और 33 साल बाद अपने प्लेन से अमेरिका से रांची पहुंचे। बुधवार सुबह वे रांची एयरपोर्ट पर उतरे तो नम आंखों से आसमान की ओर देखते कहा - मां मैं अपने प्लेन से आ गया।
क्या किया था वादा...
ये बात 1983 की है। डॉ. देवाशीष बनर्जी अमेरिका से फोन पर अपनी कैंसर पीड़ित मां से बात कर रहे थे। मां ने देवाशीष से पूछा था, "तू मुझसे मिलने कब आ रहा है..?" मां को दिलासा देने के लिए देवाशीष ने कहा था, "मां तू चिंता मत कर, तुमसे मिलने तुम्हारा बेटा अमेरिका से रांची अपने विमान से आएगा। बेटे पर फख्र करेगी।"
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हालांकि, मां की कुछ दिन बाद ही मौत हो गई। पर देवाशीष के जेहन में मां के जीते जी विमान लेकर मिलने नहीं आ पाने की कसक बनी रही। 33 साल बीत गए, पर देवाशीष मां से किऐ वादे को नहीं भूले और अब अपने वादे का पूरा किया।
बर्फीले पहाड़ों में फंस गया था विमान तो मां को किया याद
रांची के रहने वाले डॉ. देवाशीष बनर्जी के विमान ने जब 10.30 पर रांची के एयरपोर्ट पर लैंडिंग की तो यहां उनके भाई शिबू दा और कुछ दोस्त इंतजार कर रहे थे। सभी को देखा तो देवाशीष मां अनुरूपा बनर्जी को याद कर रोने लगे।
देवाशीष ने बताया, "मां इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे देखकर आज वो बहुत खुश होंगी। मां का ही आशीर्वाद है जो आज मैं मौत के मुंह से निकलकर उनसे किए वादे को पूरा कर पाया हूं। उन्होंने बताया कि दरअसल, अमेरिका से उड़ान भरने के बाद ग्रीनलैंड के बर्फीले पहाड़ों के बीच विमान फंस गया था। तापमान माइनस में होने के चलते विमान आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था। एक बार तो लगा विमान क्रैश हो जाएगा।
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देवाशीष ने बताया कि इस दौरान उन्होंने मां को याद किया। कुछ देर बाद विमान के एक हजार फीट नीचे आने के बाद देखा एकाएक बादल छट गए। बर्फीले पहाड़ों से भी विमान निकल चुका था। फिर कोई समस्या नहीं आई। लगभग एक महीने लगे अमेरिका से रांची पहुंचने में। देवाशीष ने बताया कि उन्होंने 31 मई को अमेरिका से रांची के लिए उड़ान भरी थी। अमेरिका से कनाडा, ग्रीनलैंड, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, ग्रीस, जाॅर्डन, बहरीन, ओमान के बाद अहमदाबाद, पटना रुकते हुए अब रांची पहुंचे हैं।
उन्होंने बताया कि पूरी यात्रा में लगभग 60 घंटे विमान हवा में उड़ा। विमान से रांची आने के लिए कई देशों से अनुमति लेनी पड़ी। इसके लिए वीजा और कई औपचारिकताएं पूरी करने में तीन साल लगा। डॉ. देवाशीष अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना स्टेट यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट स्टडीज के एचओडी हैं। वे अमेरिका पीएचडी करने गए थे। इससे पहले रांची में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, कुछ दिनों तक बैंक में पीओ भी थे।
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