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मंदिर बनाने के लिए ‘टाइगर’ ढ़ोता है ईंटें

अगर धार्मिक स्थलों के निर्माण की बात हो तो देखा जाता है कि लोग स्वयं नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवा देने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ इंसान नहीं करते। हरियाणा के बजीदा रोड़ान गांव का यह कुत्ता 'टाइगरÓ रोज ग्रामीणों को मंदिर में ईंट ढ़ोते देखता

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 20 Nov 2014 03:25 PM (IST)
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अगर धार्मिक स्थलों के निर्माण की बात हो तो देखा जाता है कि लोग स्वयं नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवा देने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ इंसान नहीं करते। हरियाणा के बजीदा रोड़ान गांव का यह कुत्ता 'टाइगरÓ रोज ग्रामीणों को मंदिर में ईंट ढ़ोते देखता था। एक दिन वह अचानक बच्चों की भीड़ में शामिल हो मुंह से ईंटें ढ़ोने लगा। लोग कुत्ते को ऐसा करते देख हतप्रभ थे। इसके बाद हर दिन वो ग्रामीणों की भीड़ में शामिल हो मंदिर-निर्माण के लिए ईंटें ढ़ोने लगा।

हालांकि इस कार्य के दौरान उसने अपने कुछ दांत भी गंवाए। शुरू के पंद्रह दिनों में उसके दो दांत टूट कर गिर गए। इससे टाइगर बीमार पड़ गया। उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया। बीमारी के कारण कई दिनों तक वो वहां नहीं आया। लेकिन अचानक कुछ दिनों बाद उसका मालिक उसे वहां ले आया। फिर क्या था, उसने ईंटें मुंह में दबा ली और ग्रामीणों के काम में साथ देने लगा। कुछ ही दिनों में टाइगर इस कार्य का इतना अभ्यस्त हो गया कि वो रोजाना पचहत्तर से सौ ईंटें ढ़ोने लगा। जब भी वह थक जाता तो पेड़ के नीच छांव में बैठकर सुस्ता लेता।

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