Shocking! एक किन्नर बन गई मां, आखिर कैसे हो गया ये चमत्कार!
अब इसे चमत्कार कहें या कुछ और लेकिन खबर है...कि एक किन्नर ने फल खाया और एक बच्चे को जन्म दिया। खबर पढ़कर जानिए पूरा मामला।
खबर की हेडलाइन पढ़कर आप भी चौंक गए होंगे, जाहिर सी बात है ये रिपोर्ट को लिखने से पहले मुझे भी झटका लगा था। यहां हम एक बात साफ कर दें कि इस खबर को लिखने का मतलब अंधविश्वास फैलाना बिल्कुल नहीं है। अपनी-अपनी आस्था है भाई।
दरगाह अजमेर शरीफ एक ऐसा पाक नाम है जिसे सुनने से ही रूहानी सुकून मिलता है। अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की मजार की पर आने की चाहत हर ख्वाजा के चाहने वाले की होती है।
भारत में अजमेर शरीफ के दरगाह का बहुत बड़ा महत्व है। इसकी सबसे खास बात यह है कि ख्वाजा पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। यहां आने वाले भक्त चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों, ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके मन में सिर्फ श्रद्धा ही रह जाती है।
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गौरतलब हो कि आए दिन बड़े-बड़े नेता, बॉलीवुड की हस्तियां अजमेर के दरगाह शरीफ पर अपनी सफलता के लिए चादर चढ़ाने आते रहते है और इसी दरगाह में किन्नरों की भी बहुत आस्था है। ऐसा कहा जाता है कि हर साल उर्स के मौके पर देश के अलग-अलग भागों से किन्नर यहां आकर सिर झुकाते हैं। दरगाह शरीफ की ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी आता है वो खाली हाथ नहीं लौटता।
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ख्वाजा के इस शहर में मीरां सैयद हुसैन खिंहगसवार की एक दरगाह है जहां करिश्माई लाल बूंदी का पेड़ है। इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि जो इसके फल को खाता है वह बेऔलाद नहीं रहता। लोगों के अनुसार एक बार एक किन्नर ने इस पेड़ के फल को खा लिया और फिर चमत्कार हो गया। किन्नर गर्भवती हुई और उसने एक लड़के को जन्म दिया।
इस दरगाह की ऐसी मान्यता है कि जो लोग ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर जाते हैं, वह तारागढ़ पहाड़ पर मौजूद इस दरगाह में आकर जरूर सिर झुकाते हैं।
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