सोमवार आते ही क्यों पानी-पानी हो जाती हैं यहां की लड़कियां
मध्य यूरोपीय देशों जैसे पॉलैंड, चेक गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन में इस सोमवार का अलग महत्व है। यूक्रेन के लड़के उस विशिष्टï? सोमवार को लड़कियों के ऊपर पानी फेंक उन्हें सिर से लेकर पैर तक भिगो देते हैं।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 10 Apr 2017 08:58 AM (IST)
भारत में सोमवार के प्रति लोगों की अलग-अलग धारणायें हैं। काम पर जानेवालों के लिये यह आलस्य भरा दिन होता है। रविवार को छुट्टी के बाद अगले दिन ऑफिस जाते वक्त लगता है जैसे मन पर कोई बोझ हो! वहीं व्रत रखनेवाली लड़की और महिलाओं के लिये यह त्रिशूलधारी शिव का दिन होता है। इस दिन शिव भक्त एकत्रित हो शिव महिमा की चर्चा करते हैं। सावन के सोमवार का महत्व शिव भक्तों के लिये और विशिष्टï स्थान रखता है।सोमवार को जो मनोदशा कर्मचारियों की होती है लगभग वैसी ही स्कूल जाने वाले बच्चों की भी होती है। लेकिन मध्य यूरोपीय देशों जैसे पॉलैंड, चेक गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन में इस सोमवार का अलग महत्व है। यूक्रेन के लड़के उस विशिष्टï? सोमवार को लड़कियों के ऊपर पानी फेंक उन्हें सिर से लेकर पैर तक भिगो देते हैं।
वहाँ ईसाई धर्म के मुख्य धर्म बन जाने पर 'वेट मंडे' को ईसाईयों की एक रस्म के तौर पर अपना लिया गया है। वेट मंडे का संबंध पाप को धोने से है। ईस्टर के दसूरे दिन लड़के बोतल और बाल्टियों में पानी भरकर लड़कियों का पीछा करते हैं और उन पर पानी उड़ेलते हैं। मूल परम्परा के अनुसार गॉंव की सबसे सुंदर लड़की को भिगोया जाता है. हालांकि वर्तमान प्रचलन है कि लड़के किसी भी लड़की का पीछा कर उन्हें भिगोते हैं। ऐसा करते समय कई बार वो बाल्टियां कार के शीशे पर फेंक देते हैं।
वैश्विक स्तर पर जल की कमी के बावजूद यूक्रेन के युवक बेफिक्र होकर इस पुरानी परम्परा की आड़ में जल बर्बाद करते है। इस सोचनीय स्थिति पर सफलता पाने के लिये युवकों को इस पुरानी परम्परा को समाप्त करने के विषय में सोचना चाहिये।