यहां कुत्ते से रचाया जाता है बच्चों का विवाह
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रहने वाले आदिवासी मुंडा समाज में आज भी एक अजीबोगरीब परंपरा कायम है। यहां ग्रह-दोष मिटाने के लिए बच्चों का विवाह कुत्ते के बच्चों के साथ किया जाता है। मकर संक्रांति के करीब यहां पारंपारिक गीतों के बीच दुधमुंहे बच्चों से लेकर 5 वर्ष तक
By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 30 Jun 2015 11:38 AM (IST)
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रहने वाले आदिवासी मुंडा समाज में आज भी एक अजीबोगरीब परंपरा कायम है। यहां ग्रह-दोष मिटाने के लिए बच्चों का विवाह कुत्ते के बच्चों के साथ किया जाता है। मकर संक्रांति के करीब यहां पारंपारिक गीतों के बीच दुधमुंहे बच्चों से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों की शादी धूमधाम से की जाती है।
यहां बच्चों के साथ दूल्हे-दुल्हन के रूप में कुत्ते के बच्चे बैठते हैं। खुशनुमा माहौल में समाज के लोग गीतों पर थिरकते हैं। बताया जाता है कि समाज में मान्यता है कि दुधमुंहे बच्चों के ऊपरी दांत पहले निकलने पर उसे ग्रहदोष लग जाता है। बच्चों को इस ग्रहदोष से बचाने के लिए इन बच्चों की शादी कुत्ते से रचायी जाती है।