आप जानते हैं चीन की दीवार को किसने और क्यों बनवाया था?
चीन की दीवार नाम तो बहुत सुना है हो सकता है कई लोगों ने देखी भी हो...लेकिन इस दीवार को किसने और क्यों बनवाया था ये कितने लोगों का पता है। यही नहीं इस दीवार से जुड़े और भी रोचक तथ्य भी हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी दीवार जिसे Great Wall of China भी कहते हैं। यह अपनी बेजोड़ लंबाई की वजह से तो यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है ही लेकिन इसके अलावा भी इस दीवार से जुड़ी बहुत सारी दिलचस्प कहानियां चाइना में खूूूब प्रचलित हैं। यहां पर बड़ी संख्या में निर्मित दुर्गम दर्रें भी बेमिसाल है। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार इस ग्रेट वॉल को देखने के लिए हर साल बहुत बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
किसने और क्यों बनवाई ये विशाल दीवार?
यह विशाल किलेनुमा दीवार मिट्टी और पत्थरों से बनी है, जिसे 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी तक चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा बनवाया गया। इसे बनवाने के पीछे का मकसद उत्तरी हमलावरों से अपनी रक्षा करना था।
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इसकी विशालता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसे अंतरिक्ष से भी इसे आसानी से देखा जा सकता है। यह दीवार 6400 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, जिसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग 4160 मील है। हालांकि हाल के सर्वेक्षण के अनुसार, यह दीवार अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851.8 कि.मी. (5,500.3 मील) तक फैली है।
8वीं शताब्दी में कुई, यान और जाहो राज्यों ने तीर एवं तलवारों के हमलों से बचने के लिए मिट्टी और कंकड के सांचे में दबा कर बनाई गई ईटों से दीवार का निर्माण किया गया। ईसा से 221 वर्ष पूर्व चीन किन (Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की।
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इसके बाद किन साम्राज्य के शासकों ने सारी दीवारों को मिलाकर एक कर दिया जो चीन की उत्तरी सीमा बनी। 5वीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। 220-226 ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग द्वारा बनवाई गई दीवार सभी दीवारों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध थी लेकिन अब इस दीवार के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह मिंग वंश द्वारा बनवाई हुई वर्तमान दीवार के सुदूर उत्तर में बनी थी।
वहीं, कहा जाता है कि मिंग वंश की सुरक्षा के लिए यहां 10 लाख से ज्यादा लोग नियुक्त थे और इस महान दीवार के निर्माण परियोजना में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन लगा दिया था। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है और इसे युनेस्को द्वारा 1980 से विश्व धरोहर घोषित किया गया है।
इससे जुड़ी कुछ और बातेें
दुनियाभर में खासतौर पर चीन में बच्चों को यह पढ़ाया जाता रहा है कि धरती पर चीन की दीवार ही एकमात्र ऐसी मानवनिर्मित चीज है जो अंतरिक्ष में दिखाई देती है लेकिन सब ओर निराशा तब फैल गई जब अंतरिक्ष में गए चीन के पहले यात्री ने यह कहा कि उसे अंतरिक्ष से दीवार नहीं दिखी।
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यह निराशा तब दूर हुई जब सरकारी अखबार ने चीनी मूल के अमरीकी अंतरिक्ष यात्री द्वारा खींची तस्वीरों का प्रकाशन कर दिया।
भले ही अंतरिक्ष में चाइना की दीवार दिखाई देती है लेकिन चीनी गर्व की इस महान दीवार का भाव लोगों में थोड़ा कम हो गया है क्योंकि मिस्र के पिरामिड और कई हवाई अड्डों को भी अंतरिक्ष से देखे जाने की बात सामने आई है।
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यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार चाइना वॉल की अब देख-रेख नहीं हो रही है, जिसके कारण इसके नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। दीवार का एक बड़ा हिस्सा प्राकृतिक आपदा और मानवीय लापरवाही के चलते गायब हो चुका है।
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नाम से जानी जाने वाली यह दीवार अब अटूट संरचना नहीं रही। कई हिस्सों में बंटी यह दीवार 1962 किलोमीटर तक टूट चुकी है। इस ऐतिहासिक संरचना को टूरिस्ट ने भी काफी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं आस-पास के गांव के लोग अपना मकान बनाने के लिए यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल से ईंटे तक चुरा रहे हैं और बेच रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार ने जुर्माना लगाया है।
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