क्रांतिकारी तो बहुत से लोग थे लेकिन भारत की करेंसी पर गांधी जी ही क्यों?
हमारा देश क्रांतिकारियों से भरा है...एक से एक बड़े कांतिकारी हुए लेकिन हमारे देश की करेंसी पर सिर्फ गांधी जी को ही क्यों जगह दी गई ये बात समझने के लिए आपको ये खबर पढ़नी पढ़ेगी।
हमारे देश में बहुत से क्रांतिकारी हुए लेकिन हमारे देश की करेंसी यानी नोट पर महात्मा गांधी ही क्यों? ये तो सच है कि देश को आजादी दिलाने में गांधी का बड़ा योगदान था, पर और भी लोग थे जो देश के लिए लड़े, सूली पर चढ़े। हम ये नहीं कह रहे कि और लोगों की भी फोटो हो सकती है इस नोट पर लेकिन गांधी जी की ही क्यों है? हमें कोई बताएगा क्या? यहां बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है।
एक कारण तो समझ आता है। इंडिया में या इंडिया के बाहर सबसे ज्यादा मान्यता देने योग्य गांधी जी ही थे जिन्हें हर कोई जानता था। इंडिया में तरह-तरह के लोग और इतने राज्य हैं.. हर राज्य के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके राज्य का ही कोई हीरो हो।
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बात हिन्दू-मुसलमान की भी थी। अलग-अलग रिवाज के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके मजहब का कोई जांबाज हो। अब जितने तरह के लोग उतने तरह के मतभेद।
एक गांधी जी ही ऐसे व्यक्ति थे जो हर धर्म, मजहब और जाति के लोगों के बीच आसानी से रह सकते थे, वही राष्ट्रपिता भी थे। यही कारण था कि गांधी जी को करेंसी नोटों पर लाया गया। जानकारी के लिए ये भी बता दें कि गांधी जी से पहले हमारे नोटों पर अशोक चक्र हुआ करता था जिसे हटाकर गांधी जी को जगह दी गई।
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