क्यों होती है बर्फबारी और बर्फ का रंग सफेद क्यों होता है?
बर्फ तो हम सभी ने देखी है सफेद होती है...फिर पानी का रंग कैसा होता है...ये तो हमें पता है कि पानी का कोई रंग नहीं होता लेकिन बर्फ का रंग सफेद क्यों होता है और ये बर्फबारी क्यों होती है इसका जवाब आपको यहां मिलेगा।
सर्दियों को मौसम में आपको अक्सर सुनने को मिलता होगा कि पहाड़ों पर हुई जमकर बर्फबारी...बर्फबारी के मजे भी बहुत लिए होंगे। आपके फ्रिज में भी बर्फ जमती है उसे भी बहुत बार देखा होगा लेकिन कभी इस बात पर गौर किया है कि बर्फ का रंग सफेद ही क्यों होता है और ये बर्फबारी होती क्यों है? इन दोनों सवालों के जवाब आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
बर्फबारी क्यों होती है?
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दरअसल, वॉटर साइकल के दौरान सूरज की गर्मी के कारण नदियों, समुद्र, तालाबों, झीलों आदि में मौजूद जल लगातार इवेपोरेट होता रहता है। यह पानी भाप में बदल जाता है। ये वॉटर-वेपर्स हवा से हल्का होने के कारण आकाश की ओर उड़ने लगती हैं और ऊपर वायुमंडल या एटमॉस्फेयर में पहुंच जाती हैं। वहां ये वेपर्स इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेती हैं।
लेकिन कई बार ये बादल वायुमंडल में और ज्यादा ऊपर चले जाते हैं। वहां का टेंपरेचर बहुत कम (0 डिग्री से नीचे फ्रीजिंग पॉइंट पर) होता है यानी वायुमंडल बहुत ठंडा होता है। बादल का टेंपरेचर फ्रीजिंग पॉइंट नीचे पहुंचने पर बादलों में मौजूद वॉटर-वेपर्स छोटे-छोटे स्नो-फ्लैक्स में बदल जाती हैं। हवा इन स्नो-फ्लैक्स का वजन सहन नहीं कर पाती और ये बर्फ के रूप में नीचे की ओर गिरने लगते हैं।
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बर्फ का रंग सफेद क्यों होता है?
ये सवाल मन में कई बार कौंधा होगा कि पानी तो रंगविहीन होता है लेकिन बर्फ का रंग सफेद क्यों होता है...दरअसल कुदरत की बनाई किसी भी चीज में सोखने की शक्ति होती है वो चाहे कोई पदार्थ हो या धातु। उदाहरण के तौर पर अगर हमारे चेहरे पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो ये लाल हो जाता है। कहने का मतलब है कि किसी वस्तु पर जिस तरह की रोशनी पड़ती है वैसी ही हमें दिखती है।
दरअसल आसमान से गिरने वाली बर्फ भी रंगहीन ही होती है लेकिन जब इस पर सूर्य का रिफलेक्शन पड़ता है तो ये हमें सफेद रंग के दिखाई पड़ते हैं।
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