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ओलंपिक के दीवानों ये बताओ टेबल टेनिस का बैट एक तरफ लाल तो दूसरी तरफ काला क्यों होता है?

टेबल टेनिस खेली है कभी...खेली नहीं होगी तो टीवी पर या किसी को खेलते हुए तो देखा ही होगा...कभी गौर किया है कि उसका जो बैट होता है वो एक तरफ काला और दूसरी तरफ लाल क्यों होता है?

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Mon, 08 Aug 2016 03:21 PM (IST)
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ओलंपिक का मौसम चल रहा है, लोग धड़ाधड़ मेडल भी जीत रहे हैं। अच्छा सच बताइए कि ओलंपिक खेलों में से कितने खेल आपको पसंद हैं। खैर जिसकी जैसी पसंद...ये बताओ टेबल टेनिस कैसा खेल लगता है आप सभी को...बहुत फास्ट गेम है...झट से गेंद इस पाले में तो कभी उस पाले में...आंखे टकटकी लगाए देखती ही रहती हैं। अगर इस गेम को खेला होगा तो इसकी तेजी का पता होगा।

अच्छा आपने कभी इसके क्लब बैट को देखा है? आपने कभी सोचा है कि इसकी दोनों साइड अलग-अलग कलर के क्यों होते हैं? एक तरफ लाल और एक तरफ काला होने का क्या कारण है? इसके दोनों साइड्स एक ही रंग के क्यों नहीं हो सकते?

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पहले खिलाड़ी एक ही रंग की रबर-शीट इस बैट के दोनों तरफ इस्तेमाल कर सकते थे। पर इसके साथ एक बहुत बड़ी दिक्कत होती थी। सामने वाले खिलाड़ी को अपने प्रतिद्वंदी के अगले मूव के बारे में अंदाजा नहीं लगा पाता था।

असल में खिलाड़ी 2 अलग-अलग तरह की शीट्स इस्तेमाल कर सकते थे जिससे कि दोनों ही तरफ से पिंग-पौंग बॉल अलग-अलग तरह से उछलती थी ऐसे में सामने वाले को ये पता ही नहीं चल पाता था कि गेंद किस दिशा में जाएगी इससे खेल बराबरी का नहीं रह पाता था।

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खिलाड़ी इस बात का पता भी नहीं लगा पाते थे कि अगला शॉट धीमे आएगा या तेज या फिर गेंद स्विंग करेगी या नहीं। इस कारण से एक नियम लागू कर दिया गया कि इस बैट के दोनों ही तरफ अलग-अलग रंग की रबर शीट का इस्तेमाल किया जाएगा।

बस तभी से इस रैकेट का रूप पूरी तरह बदल गया। अब इसमें लाल और काले के अलावा और दूसरे रंगों का भी प्रयोग होता है बस शर्त ये है कि दोनों ही रंग अलग-अलग होने चाहिए।

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