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ये 8 बातें बताएंगी कि क्यों पुरुषों के मुकाबले, महिलाओं को गर्मी में होता है ठंडी का एहसास

वो बातें जो महिलाओं को कराती हैं ज्यादा ठंड का एहसास। महिलाओं के शरीर का तापमान पुरुषों के शरीर से कम होता है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2016 11:59 AM (IST)
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गर्मी के मौसम में महिलाओं को रूम टेम्परेचर को कंट्रोल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक शोध के अनुसार, महिलाओं के शरीर का तापमान पुरुषों के शरीर से कम होता है। एक महिला के शरीर में ऐसे अंदरूनी फंक्शन्स होते हैं, जिनके द्वारा शरीर के तापमान को एक स्थान पर केन्द्रित किया जाता है। इसमें शरीर के बाह्य अंग (जैसे उंगलियां) तापमान का निर्धारण करती हैं।

इसके साथ ही महिलाओं के लिए एक अच्छी बात ये भी है कि उनके पास कई ऐसी चीजें होती हैं जिनसे वो खुद को ठंड लगने से रोक सकती हैं।

उच्च शारीरिक तापमान और शरीर में वसा की मात्रा

Science Dump के अनुसार, महिलाओं के शरीर का मुख्य तापमान ज़्यादा होता है, क्योंकि उनमें वसा (बॉडी फैट) अधिक होती है। वसा की बहुलता शरीर में गर्मी बनाये रखने में सहायक होती है।
दूसरी तरफ पुरुषों में ज्यादा मांसपेशियां होती हैं, जिनकी वजह से शरीर की गर्मी जल्दी से फैल पाती है, इसलिए उनका शरीर शीघ्र ठंडा हो जाता है। उनका मेटाबोलिक रेट भी अधिक होता है। Metabolism वह प्रक्रिया है, जिसके तहत खाना शरीर में पचता है और सांस लेने की, ब्लड सर्कुलेशन की और कोशिकाओं के विकास के लिए ऊर्जा उत्पन्न होती है।
ऐसी महिलाएं, जिनका ज्यादातर वक्त ऑफिस में बैठे-बैठे ही बीतता है, उनकी मेटाबोलिक रेट मर्दों से 35 फीसदी कम होती है। इसका मतलब ये है कि उनका शरीर कम गर्मी उत्पन्न करता है, इसी वजह से उनका शरीर अंदर से अपेक्षाकृत ज्यादा ठंडा होता है।

मासिक चक्र और हार्मोनोल साइकिल

महिलाओं के शरीर में एक हार्मोन एस्ट्रोजन पाया जाता है। ये खून को इतना गाढ़ा बना देता है कि खून पतली रक्त-वाहिकाओं में नहीं जा पाता, खासकर हाथ, पांव और कानों में।
University of Portsmouth के Human and Applied Physiology Department के प्रोफेसर Michael Tipton ने बताया कि 'एस्ट्रोजन रक्त वाहिकाओं को ठंड के प्रति ज़्यादा संवेदनशील बनाता है। इसी कारणवश लड़कियों को सर्दी और गर्मी दोनों ज़्यादा महसूस होते हैं।'

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Body and Soul नाम की एक स्वास्थ्य संस्था के अनुसार, 'एक महिला के शरीर का तापमान बढ़ता-घटता रहता है। ये 36.9 डिग्री से 37.4 डिग्री के बीच उतरता-चढ़ता रहता है, जबकि पुरुषों के शरीर का तापमान 37 डिग्री पर स्थिर रहता है।

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ठंडे मौसम में रक्त-वाहिकाओं में सिकुड़न

ठंडे मौसम में एक महिला के हाथ और पैर में रक्त का बहाव बहुत कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को Vasoconstriction कहते हैं। अगर एक आदमी और औरत को समान तापमान में रखा जाए, तो औरत के शरीर में रक्त का बहाव संकीर्ण होगा। महिलाएं बाह्य अंगों में रक्त बहाव के लिए Raynaud’s syndrome नामक एक खास सिंड्रोम विकसित करती हैं। यह सिंड्रोम रक्त-वाहिकाओं को पतला करने का काम करता है।

आहार भी होता है शरीर के बढ़ते-घटते तापमान का एक कारण

अगर आपने भरपूर भोजन ग्रहण किया है, तो आपको ठंड कम लगेगी। अगर हम भूखे होते हैं, तो हम ठंड के प्रति ज्यादा संवेदना महसूस करते हैं। अगर हम निश्चित समयांतराल पर भरपूर भोजन ग्रहण करते रहते हैं, तो हमारा शरीर नियमित रूप से ऊर्जा उत्पन्न करता रहता है और उसे शरीर गर्म बना रहता है।

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