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न्यूजीलैंड तीन सौ पार, ओझा को चार विकेट

न्यूजीलैंड ने दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। जहीर खान के शुरुआती झटके के बाद प्रज्ञान ओझा ने दो विकेट झटककर न्यूजीलैंड की हालत फिर खराब कर दी। लंच पर जाने के समय न्यूजीलैंड ने तीन विकेट गंवाकर 108 रन बना लिए हैं। क्रीज पर कप्तान रॉस टेलर 27 और डैनियल फ्लिन सात रन बनाकर संघर्ष कर रह हैं।

By Edited By: Published: Fri, 31 Aug 2012 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2012 06:31 PM (IST)

बेंगलूर। न्यूजीलैंड ने दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया के खिलाफ टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। लेकिन जहीर खान के शुरुआती झटके के बाद प्रज्ञान ओझा ने चार विकेट झटककर न्यूजीलैंड की हालत खराब कर दी। हालांकि लंच के बाद कप्तान रास टेलर [113 रन, 127 गेंद, 16 चौका, 2 छक्का] ने आउट होने से पहले तेजी से खेलते हुए अपना शतक पूरा करने के अलावा डेनियल फ्लिन [33] के साथ 107 रनों की शतकीय साझेदारी कर न्यूजीलैंड की स्थिति सुधार दी। चायकाल के बाद किवी टीम का स्कोर छह विकेट पर 328 रन था और क्रीज पर क्रूगर वान विक [63] और डग ब्रेसवेल [30] टिके रहे लेकिन खराब रोशनी के कारण मैच रोका गया जिसके बाद अंत का सेशन अधूरा ही रह गया।

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एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हो रहे मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। मार्टिन गुप्टिल [53] के साथ पारी की शुरुआत करने आए ब्रैंडन मैकुलम उस समय आउट हुए जब न्यूजीलैंड की कुल रन संख्या में कोई भी रन नहीं जुड़ा था। मैकुलम को तेज गेंदबाज जहीर खान ने पगबाधा आउट किया। मैकुलम खाता भी नहीं खोल सके थे। शुरुआती झटके बाद गुप्टिल ने केन विलियम्सन के साथ टिककर खेलते हुए टीम को संकट से बाहर निकाला। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 63 रनों की साझेदारी हुई। गुप्टिल को 17 रन के निजी स्कोर पर जहीर खान की गेंद पर विराट कोहली से जीवनदान मिला। इसके बाद दोनों ने बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना पेश किया। ओझा ने विलियम्सन को पगबाधा कर अपनी टीम को वांछित सफलता दिलाई। विलियम्सन 44 गेंदों में 17 रन बनाए। इस बीच गुप्टिल ने अपना पचासा पूरा किया। गुप्टिल भी लंच से पूर्व अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने मिडविकेट पर खड़े गौतम गंभीर को कैच थमा दिया। गुप्टिल ने 79 गेंदों में आठ चौके से 53 रनों की पारी खेली। लंच के बाद टेलर ने ओझा के एक ओवर में चार चौका जमाकर 46 गेंदों में अपना पचासा पूरा किया। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में टेलर दहाई का आंकड़ा छूने में नाकाम रहे थे। अश्विन ने टेलर का बढि़या साथ दे रहे डेनियल फ्लिन [33] को पगबाधा कर दिया। इसके बाद ओझा ने जेम्स फ्रैंकलिन [8 रन, 35 गेंद] को मिडविकेट पर सुरेश रैना के हाथों कैच आउट कराकर अपनी तीसरी सफलता हासिल की। दूसरी ओर, जोरदार बल्लेबाजी कर रहे टेलर ने अपने अर्धशतक को ओझा के ही गेंद पर चौका जमाकर शतक में तब्दील किया। टेलर का यह सातवां और भारत के खिलाफ तीसरा शतक है। उन्होंने यह शतक 99 गेंदों में पूरा किया। ओझा ने टेलर को पगबाधा कर अपनी चौथी सफलता हासिल की। इसके बाद क्रूगर वान विक ने भी तेजी से खेलते हुए अपना पचासा पूरा कर लिया है।

कीवी टीम 17 वर्ष बाद इस मैदान पर भारत के खिलाफ खेल रही है। हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज भारत के स्पिन आक्रमण के आगे नतमस्तक हो गए थे। ऐसे में यदि मौसम ने साथ दिया तो बेंगलूर में भी भारत का जीतना लगभग तय है। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में मेजबान टीम 1-0 से आगे है। पहले टेस्ट मैच में भारत के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 12 विकेट झटके थे। क्यूरेटर नारायन राजू के मुताबिक चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच तेज और स्पिन गेंदबाजी दोनों के अनुकूल है। राजू के मुताबिक यह 'स्पोर्टिग पिच' है। दोनों टीमों ने इस स्टेडियम में अंतिम बार 1995 में टेस्ट मैच खेला था। यह टेस्ट मैच तीन से कम दिन के अंदर ही खत्म हो गया था और भारत ने उस मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज की थी।

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