सम्मान समारोह में पहुंच तेंदुलकर ने चौंकाया
राज्यसभा में गैर हाजिर रहने के विवाद के बीच महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं के सम्मान में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर सभी को अचंभे में डाल दिया। कार्यक्रम में सचिन को देख वहां मौजूद मीडियाकर्मी चौंक गए, क्योंकि आमंत्रण पत्र में मास्टर-ब्लास्टर के कार्यक्रम मे
By Edited By: Updated: Sat, 09 Aug 2014 01:13 AM (IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में गैर हाजिर रहने के विवाद के बीच महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं के सम्मान में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर सभी को अचंभे में डाल दिया। कार्यक्रम में सचिन को देख वहां मौजूद मीडियाकर्मी चौंक गए, क्योंकि आमंत्रण पत्र में मास्टर-ब्लास्टर के कार्यक्रम में पहुंचने की कोई जानकारी नहीं थी।
भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सचिन व खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पदक विजेता खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। केंद्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण ने सम्मान समारोह में कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण विजेता खिलाड़ी को 20 लाख, रजत विजेता को 10 लाख और कांस्य पदक विजेता को छह लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया गया। इस दौरान सचिन ने पैरा एथलीट और महिला एथलीटों, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली, की प्रशंसा करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को पूरी शिद्दत के साथ अपने सपनों को पूरा करना चाहिए। सचिन ने कहा कि मैं कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन पर टीम इंडिया को मुबारकबाद देता हूं। मैं आपके बीच खुद को पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं खासतौर पर सकीना खातून और दीपा कर्माकर जैसी महिला खिलाड़ियों और रजिंदर रहेलू को बधाई देता हूं, जिन्होंने देश का मान बढ़ाया। आप सभी शानदार रहे। खातून और रहेलू ने क्रमश: महिला और पुरषों की पैरा पॉवरलिफ्टिंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पॉवर लिफ्टिंग में रजत जीतने वाले पैरा एथलीट राजेंद्र रहेलू को जब मंच पर लाया गया तो सचिन ने झुकते हुए उन्हें गले लगाकर बधाई दी और उस समय सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। सकीना खातून भी जब मंच पर पहुंचीं तो उस समय भी यही स्थिति थी। समारोह में डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा मौजूद नहीं थे।
भारतीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष एन रामचंद्रन और महासचिव राजीव मेहता भी समारोह में शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार रामचंद्रन देश से बाहर हैं, जबकि मेहता ग्लास्गो में हुई गिरफ्तारी के सवालों से बचने के लिए समारोह में शरीक नहीं हुए। 'एक तरफ मेरे सामने भारतीय खेलों के हीरो मौजूद हैं तो दूसरी और मंच पर मेरे साथ भारत रत्न सचिन तेंदुलकर भी मौजूद हैं। मैं खुद को बहुत सम्मानित और सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। आप सभी ने ग्लास्गो में 15 स्वर्ण सहित कुल 64 पदक जीत देश का मान बढ़ाया है। हम सभी को आप पर गर्व है।'
-- सर्बानंद सोनोवाल, खेल मंत्री सेना ने भी किया खिलाड़ियों को सम्मानित: सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग ने शुक्रवार को ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले सेना के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। ग्लास्गो में सेना के छह खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीते थे, जिनमें नायब सूबेदार जीतू राय (निशानेबाजी), नायब सूबेदार गुरपाल सिंह (निशानेबाजी), नायब सूबेदार सुखेन डे (भारोत्ताोलन), नायब सूबेदार एल देवेंद्रो सिंह (मुक्केबाजी) और हवलदार चंद्रकांत माली (भारोत्ताोलन) शामिल हैं। सेनाध्यक्ष ने सभी को नकद पुरस्कार से भी नवाजा और उम्मीद जताई कि एशियाई खेलों में सेना के खिलाड़ी ज्यादा पदक जीतेंगे। इससे पहले, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल रॉबिन धवन नेवी के रंजीव राजपूत (निशानेबाजी) और हरप्रीत सिंह (निशानेबाजी) को सम्मानित किया। कॉमनवेल्थ गेम्स में दोनों खिलाड़ियों ने रजत पदक जीते थे। हरियाणा के पदक विजेता हुए मालामाल जागरण संवाददाता, राई (सोनीपत)। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को यहां एक समारोह में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया। पदक विजेता 21 खिलाड़ियों को 13 करोड़ रुपये से अधिक के इनाम दिए गए। स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को एक करोड़, रजत 50 लाख व कांस्य पदक विजेता को 25 लाख रुपये के चेक दिए गए। वहीं शूटिंग में रजत व कांस्य पदक जीतने वाले गगन नारंग को 62.50 लाख रुपये का चेक दिया गया। इन खेलों में भाग लेने वाले राज्य के 22 खिलाड़ियों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिए गए। कुल 43 खिलाड़ियों में तीन पैरा-खिलाड़ी भी शामिल थे। समारोह में सुशील कुमार, योगेश्वर दत्ता, गगन नारंग, अमित दहिया और बबीता सहित लगभग सभी खिलाड़ी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की 'पदक लाओ, पद पाओ' की नीति खिलाड़ियों के लिए स्वर्णिम दौर लेकर आई है। पढ़ें: पहले से था अंदाजा कि इस बार कम पदक मिलेंगे पढ़ें: हरियाणा के खिलाड़ियों की बल्ले-बल्ले, अब खेलेंगे करोड़ों में