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ISIS में शामिल होने वाली गिरफ्तार यास्मीन ने किए कई अहम खुलासे

बिहार की युवती यास्मीन मोहम्मद उर्फ यास्मीन शेख जो आतंकी संगठन आइएस में भर्ती होने जा रही थी उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था। उसने पुलिस के सामने कई अहम खुलासे किए।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2016 10:08 PM (IST)
ISIS में शामिल होने वाली गिरफ्तार यास्मीन ने किए कई अहम खुलासे
ISIS में शामिल होने वाली गिरफ्तार यास्मीन ने किए कई अहम खुलासे

पटना [वेब डेस्क]। अातंकी संगठन आइएस में शामिल होने जा रही बिहार की युवती यास्मीन मोहम्मद उर्फ यास्मीन शेख, जिसे काबुल जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने के क्रम में दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था, उसने पुलिस के सामने कई अहम खुलासे किए हैं। उसने बताया कि केरल में वह अब्दुल से मिली थी और उसी ने उसे आतंकी संगठन आइएस में शामिल होने की बात कही थी।

उसने बताया कि वह केरल के कोल्लम में पीस इंटरनेशनल में शिक्षिका भी रह चुकी हैं। केरल में रहने के दौरान ही उनकी मुलाकात कासरगोड के अब्दुल रशीद अब्दुल्लाह से हुई। उसने बताया कि रशीद अभी काबुल में है और उसी के कहने पर यास्मीन आईएस में शामिल होने काबुल जा रही थी। केरल से 21 लोग पहले से ही लापता हैं।बताया जा रहा है कि ये सभी पहले ही आईएस में शामिल हो चुके हैं। यास्मीन भी पिछले महीने से केरल से बाहर रह रही थीं।

पटना में भी दो साल रही हैं यास्मीन

यास्मीन की गिरफ्तारी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से उसके पांच साल के बेटे जुनैद के साथ हुई। यास्मीन के पुस्तैनी गांव मोरौल में उसके घर पर ताला लटका है और पूरा गांव इस खबर को सुनकर हैरान है। यास्मीन पटना में 2009 से 2011 तक रह चुकी हैं। यास्मीन पटना के लोहानीपुर और फुलवारीशरीफ मुहल्ले में किराए के मकान में रहती थी।

पटना से बनवाया था पासपोर्ट

यास्मीन 2003 में पटना के पासपोर्ट कार्यालय से यास्मीन जाहिद के नाम पर पासपोर्ट (एन6920081) भी बनाई थी और वो पटना में एक निजी कंपनी में काम भी करती थी। यास्मीन की दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद से बिहार पुलिस अपना मुंह तो नहीं खोल रही, लेकिन उनके होश ठिकाने जरूर लग गए हैं। बिहार पुलिस यास्मीन को लेकर और अधिक सुराग जुटाने में लग गई है।

मई महीने में आई थी अपने गांव

दूसरी ओर, यास्मीन के गांव में उसके परिवार वाले भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। काफी कुरेदने के बाद यास्मीन के चाचा साबिर मोहम्मद का कहना है कि उससे उन लोगों का कोई लेना देना नहीं है। यास्मीन के चाचा का यह भी कहना था कि बीते मई महीने में पासपोर्ट बनाने के सिलसिले में वो गांव आई थी।

पांच वक्त की नमाजी और आइटी एक्सपर्ट हैं यास्मीन

पांच वक्त की नमाजी और कंप्यूटर एक्सपर्ट यास्मीन मोहम्मद जाहिद उर्फ यास्मीन शेख की गिरफ्तारी से सीतामढ़ी जिले स्थित उनके गांव के सभी लोग स्तब्ध हैं। 28 साल की यास्मीन बाजपट्टी थाना क्षेत्र के मोरौल गांव की रहने वाली हैं।

गांव के मुखिया सुबोध कुमार का कहना है कि वो एक बार उनसे मिल चुकी है और धर्म के प्रति काफी जागरुक थी। उन्होंने कहा कि यास्मीन ने प्रखंड कार्यालय परिसर में नमाज भी अदा की थी। साथ ही वह लैपटॉप पर भी कुछ कर रही थी।