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पाकिस्तान की 40 राजनीतिक पार्टियां कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए मांगेंगी चंदा

पाकिस्तान में होने वाली इस रैली में लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान है। खासकर कश्मीरी विस्थापित जोकि बटवारे के बाद से पाकिस्तान स्थित पंजाब में बस गए थे।

By Atul GuptaEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2016 01:34 PM (IST)
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा तो भुनाते हुए पाकिस्तान आग में घी डालने का काम कर रहा है। पाकिस्तान ने कश्मीर में हिंसा के विरोध में 19 जुलाई को कश्मीर एकता दिवस मनाने का एलान किया है। इस आयोजन के लिए पैसा जमा करने के लिए पाकिस्तान के 40 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आज एक रैली निकाली है जिसे कश्मीर के लिए कारवां का नाम दिया गया है।
ये रैली लाहौर से इस्लामाबाद तक निकाली जाएगी। बताया जा रहा है कि इस रैली का आयोजन प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संगठन तहरीक-ए-आजादी जम्मू कश्मीर के नाम से किया जा रहा है।

ये रोड सो लाहौर के सुहादा मस्जिद से शुरू होगा और फिर गुरजावाला, वजीराबाद, झेलम और रावलपिंडी होते हुए बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचेगा। इस बीच कई जगह कई पाकिस्तानी नेता और अलगाववादी जनता को संबोधित भी करेंगे।

पाकिस्तान में होने वाली इस रैली में लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान है। खासकर कश्मीरी विस्थापित जोकि बटवारे के बाद से पाकिस्तान स्थित पंजाब में बस गए थे। बताया जाता है कि यहां से सबसे ज्यादा लोग आतंकी कैंपों में शामिल होते हैं जो भारत पर समय-समय पर हमला करते हैं और कश्मीर में इन्हें सहयोग भी मिलता है।

तहरीकःए-आजादी जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता नदीम अवान ने कहा कि जो कश्मीरी पाकिस्तान में रह रहे हैं वो इस रैली को आयोजित कराना चाहते थे ताकि वो दिखा सकें कि भारत में रह रहे कश्मीरी अकेले नहीं हैं बल्कि वो उनके साथ हैं।

आपको बता दें कि तहरीक-ए-आजादी जम्मू-कश्मीर ने साल 2009 में भी जम्मू-कश्मीर के नाम पर ऐसी ही एक रैली आयोजित की थी जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और तरकत-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकी हथियारों के साथ रैली में शामिल हुए थे।

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