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पत्नी के बारे में स्वीकारोक्ति से मोदी को नुकसान नहीं

वाशिंगटन। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की नजर में बहुत देर से अपनी शादी की बात स्वीकार करने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को नुकसान नहीं हो सकता है। उनकी छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके लिए अखबार ने सार्वजनिक जीवन के लिए पारिवारिक जीवन के परित्याग करने की भारतीय परंपर

By Edited By: Updated: Fri, 11 Apr 2014 04:49 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की नजर में बहुत देर से अपनी शादी की बात स्वीकार करने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को नुकसान नहीं हो सकता है। उनकी छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके लिए अखबार ने सार्वजनिक जीवन के लिए पारिवारिक जीवन के परित्याग करने की भारतीय परंपरा का हवाला दिया है।

अमेरिका के इस प्रतिष्ठित अखबार ने लिखा है कि हालांकि कांग्रेस के नेताओं ने मोदी पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है, जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने शादीशुदा जीवन व्यतीत किया है या नहीं। इससे जाहिर तौर पर मोदी को नुकसान नहीं होगा। मोदी की पत्नी पर अपनी रिपोर्ट में अखबार ने कहा कि भारत के सार्वजनिक जीवन में पारिवारिक जीवन के त्याग परंपरा है।

यह जानने के लिए मोहनदास करमचंद गांधी के दौर में चलते हैं। उनकी शादी हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने ब्रह्माचर्य का व्रत ले लिया था। गांधी जी का कहना था कि ईश्वर की इच्छा से उन्होंने देश के लिए ब्रह्माचर्य का व्रत लिया था। दैनिक अखबार ने यह भी जिक्र किया है कि मोदी ने इसके पहले चार बार नामाकंन पत्र भरने के दौरान वैवाहिक स्थिति के कॉलम को रिक्त रखा था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में उनके सबसे आगे होने पर इस सवाल की पड़ताल तेज हो गई।

दरअसल, मोदी ने वडोदरा संसदीय सीट से नामांकन के दौरान पेश हलफनामे में जशोदाबेन के नाम का उल्लेख बतौर अपनी पत्नी किया है। इस रहस्य पर से पर्दा उठने के बाद भारत में सियासी माहौल गरमा गया है।

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